सरकारी हॉस्पिटल में NHM की निदेशक कर रही थी निरीक्षण। उसी दौरान हुई नवजात शिशु की हुई मौत। दिए जांच के निर्देश

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ऋषिकेश: सरकारी हॉस्पिटल अपनी लापरवाही के कारण एक बार फिर सवालों के घेरे में है। हॉस्पिटल में एक तरफ एनएचएम का निरीक्षण चल रहा है दूसरी तरफ एक मां की गोद सूनी हो गई।

दुखद खबर आज सरकारी हॉस्पिटल में नवजात शिशु की मौत हो गई है। इसी दौरान एनएचएम की उत्तराखंड की निदेशक डॉ सरोज नैथानी हॉस्पिटल में निरीक्षण करने पहुंची हुई थी। वहीं हॉस्पिटल के अंदर ही नवजात बच्चे की मौत हो गई। अनिल सिंह नवजात के पिता है जो दोगी पट्टी लॉयल गांव के रहने वाले हैं उनका कहना था कि जैसी बच्चा पैदा हुआ उसके बाद हमें बोला गया कि जौलीग्रांट या एम्स ले जाइए जबकि उसे वेंटिलेटर की जरूरत थी।

आपको बता दे कि दोगी पट्टी क्षेत्र के रहने वाले अनिल सिंह की पत्नी की डिलीवरी होनी थी. सरकार हॉस्पिटल में उन्होंने पत्नी को भर्ती कराया था. डिलीवरी के समय डॉक्टर्स ने उनको बताया की बच्चे का साइज बड़ा है सर भी बढ़ा है. बच्चा बताया जा रहा है साढ़े तीन किलो का था. ऐसे में वे नार्मल डिलीवरी के बजाय ऑपरेशन से कराएं. अनिल सिंह की यह पांचवी संतान थी. उनकी तीन लड़कियां हैं. एक लड़का नौ दस साल का पहले ही ख़त्म हो चुका था. ऐसे में यह उनकी चौथी संतान थी यह भी नहीं रहा. उन्होंने आग्रह किया कि नार्मल डिलीवरी हो जाए अच्छा है. उसी प्रयास में स्टाफ ने नार्मल डिलीवरी करवाने के प्रयास में बच्चें की मौत हो गयी है. डॉक्टर्स का कहना है बच्चा मृत हालत में था. परिजनों का आरोप है तो फिर पैदा होने के बाद बोला गया एम्स या जौलीग्रांट ले जाओ। पहले ही बोल देते केस लेते ही नहीं. ऐसे में वे पैदा होने के बाद बच्चे को गाड़ी में रखा कर एम्स ले गए तब तक बहुत देर हो चुकी थी और बच्चे ने दम तोड़ दिया. उसे ऑक्सीजन की जरुरत थी. आरोप है वेंटिलेशन भी नहीं दिया गया हॉस्पिटल ने. जब हेल्थ निदेशक से बात की तो उन्होंने कहा यहाँ पर पैडरियाटिक वेंटीलेटर की सुविधा नहीं है. अगर सुविधा नहीं है तो क्योँ ऐसे केस को लिया गया. जबकि डॉक्टर को पता था ऐसी संभावना हो सकती है.

आज 3 बजे के लगभग जब निदेशक जाने लगी हॉस्पिटल स्टाफ विदाई दे रहा था उसी दौरान बच्चे के परिजनों निदेशक के आगे रोते बिलखते दिखे. हमारा बच्चा गया हम क्या करें ? वहीँ निदेशक और सीएमएस डॉक्टर रमेश सिंह राणा ने कहा इसकी जांच होगी. ऐसा क्योँ हुआ. डॉक्टर राणा ने कहा हम इसकी जांच करेंगे और यह गंभीर मामला है. यह स्वीकार करने लायक नहीं है. ऐसे में हॉस्पिटल प्रशासन की कमी साफ़ नजर आयी. जबकि खुद हॉस्पिटल की कमियों को लेकर NHM की राज्ये निदेशक निरीक्षण करने हॉस्पिटल पहुंची थी. सुबह से आज उनके निरिक्षण की तैयारी की जा रही थी.

वहीँ उत्तराखंड युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेश कपसूरी ने कहा यह बहुत दुखद है. हमारा बच्चा चला गया कौन जिम्मेदार होगा. हॉस्पिटल स्टाफ इधर उधर की बातें करने में लगे हैं. उन्होंने आरोप लगाया सरकारी हॉस्पिटल में जब भी आओ यही जवाब मिलता है. यहाँ हमेशा कमियां दिखाई देती हैं. आम जन परेशान रहता है. उन्होंने जांच की मांग साथ ही दोषियों की विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है.