निक और प्रियंका जोनस माता-पिता बन चुके है सेरोगेसी की मदद से, क्या है सेरोगेसी और इसके नियम जानें
आज के समय में सेरोगेसी के माध्यम से बच्चे का जन्म करवाने की प्रक्रिया बढ़ती ही जा रही है। हाल ही मैं प्रियंका चोपड़ा जोनस ने इंस्टाग्राम के माध्यम से अपने सेरोगेसी से माँ बनने की खबर बताई है । निक और प्रियंका माता पिता बन चुके है सेरोगेसी की मदद से इसके अलावा कई सेलेब्रिटीज़ है जिन्होंने सेरोगेसी की मदद ली है पेरेंट्स बनने के लिए।
सरोगेसी क्या है- बच्चा पैदा करने के लिए जब कोई कपल किसी दूसरी महिला की कोख किराए पर लेता है तो इस प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है. यानी सरोगेसी में कोई महिला अपने या फिर डोनर के एग्स के जरिए किसी दूसरे कपल के लिए प्रेग्नेंट होती है. सरोगेसी से बच्चा पैदा करने के पीछे कई वजहें होती हैं। जैसे कि कपल को कोई मेडिकल से जुड़ी समस्या, गर्भधारण से महिला की जान को खतरा या कोई दिक्कत होने की संभावना है या फिर कोई महिला खुद बच्चा पैदा नहीं करना चाहती है। अपनी कोख में दूसरे का बच्चा पालने वाली महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है.
आइये जानते है भारत मे सेरोगेसी के क्या नियम है—–
भारत में सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकने के लिए तमाम नियम तय किए गए हैं। ज्यादातर गरीब महिलाएं आर्थिक दिक्कतों के चलते सरोगेट मदर बनती थीं। सरकार की तरफ से इस तरह की कॉमर्शियल सरोगेसी पर अब लगाम दी गई है। 2019 में ही कॉमर्शियल सरोगेसी पर प्रतिबंध लगाया गया था। जिसके बाद सिर्फ मदद करने के लिए ही सरोगेसी का विकल्प खुला रह गया है। कॉमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाने के साथ ही नए बिल में अल्ट्रस्टिक सरोगेसी को लेकर भी नियम-कायदों को सख्त कर दिया गया था।
इसके तहत विदेशियों, सिंगल पैरेंट, तलाकशुदा जोड़ों, लिव-इन पार्टनर्स और एलजीबीटी समुदाय से जुड़े लोगों के लिए सरोगेसी के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। सरोगेसी के लिए सरोगेट मदर के पास मेडिकल रूप से फिट होने का सर्टिफिकेट होना चाहिए, तभी वह सरोगेट मां बन सकती है। वहीं सरोगेसी का सहारा लेने वाले कपल के पास इस बात का मेडिकल प्रमाण पत्र होना चाहिए कि वो इनफर्टाइल हैं।
सेरोगसी रेगुलेशन 2020 में कुछ बदलाव किया गया। इसमें किसी भी ‘इच्छुक’ महिला को सरोगेट बनने की अनुमति दी गई थी।