नरेंद्रनगर महाविद्यालय में “राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी की प्रासंगिकता” को लेकर आयोजित की गई निबंध व काव्यपाठ प्रतियोगिता।

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नरेंद्र नगर -आज भारत और विश्व के विभिन्न देशों में हिंदी बोलने और प्रयोग करने वालों की संख्या लगभग एक अरब तक पहुंचने वाली है जो कि हिंदी भाषा की लोकप्रियता को दर्शाता है। इन्हीं मानदंडों के आधार पर हिंदी राष्ट्रभाषा एवं विश्व भाषा का दर्जा प्राप्त कर सकती है यह वक्तव्य धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर के प्राचार्य प्रोफेसर राजेश कुमार उभान ने हिंदी दिवस के अवसर पर व्यक्त किए।

आपको बता दे कि हिंदी विभाग सेमिनार एवं एकेडमिक क्रियाकलाप समिति एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम समिति के संयुक्त तत्वाधान में हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी के अलावा निबंध और काव्य पाठ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें कालेज छात्रों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग कियासंगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में दीप प्रज्वलन की साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम की संयोजक डॉ ईरा सिंह ने हिंदी के विकास के लिए राजनीतिक प्रयासों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को रेखांकित किया।काव्य पाठ की श्रृंखला में प्रतियोगी छात्रों के अलावा महाविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से उपस्थित दर्शकों को मनोरंजन के साथ साहित्य का रसपान कराया ।

काव्य पाठ करने वाले प्राध्यापकों में डॉ हिमांशु जोशी डॉक्टर शैलजा रावत डॉ सृचना सचदेवा, डॉ राकेश नौटियाल, डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल, डॉ विजय प्रकाश भट्ट एवं नितिन शर्मा ने अपनी प्रस्तुतियां दी।निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले छात्रों में मनीषा चमोली बीए द्वितीय वर्ष ,साहिल बीए प्रथम सेमेस्टर तथा पवन धमानंदा बीएससी प्रथम सेमेस्टर ने क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किए। इसी क्रम में काव्य पाठ प्रतियोगिता में सानिया बीए प्रथम सेमेस्टर ने तृतीय साहिल बीए प्रथम सेमेस्टर ने द्वितीय तथा मनीषा चमोली द्वितीय वर्ष ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।निर्णायक मंडल की भूमिका में डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल, डॉ संजय कुमार डॉ राकेश कुमार नौटियाल ,डॉक्टर विजय प्रकाश भट्ट , डॉक्टर सृचना सचदेवा ,डॉक्टर संजय महर एवं फोटोग्राफी में विशाल त्यागी का विशेष योगदान रहा।

कार्यक्रम का संचालन डॉ् रश्मि उनियाल एवं डॉ जितेंद्र नौटियाल ने हिंदी भाषा की भूमिका तथा इसके पोषण करता साहित्यकारों के कार्यों का उल्लेख करते हुए संयुक्त रुप से किया।इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक गण कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति प्रशंसनीय रही।