जोशीमठ प्रभावितों के विस्थापन को लेकर डीएम के माध्यम से सीएम को भेजा सुझाव

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ऋषिकेश। जोशीमठ में घटित हो रही घटना पर चिन्ता व्यक्त करते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरण सचेतक एवं जिलाधिकारी देहरादून की अध्यक्षता में नमामि गंगे कार्यों की समीक्षा के लिए गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति देहरादून के नामित सदस्य विनोद जुगलान ने मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम सम्बोधित पत्र लिख कर जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से सीएम उत्तराखंड को पत्र प्रेषित कर जोशीमठ के प्राकृतिक आपदा प्रभावितों को जब तक रहने की उचित व्यवस्था प्रबंध न होने तक जीवन रक्षक दवा निर्माण कर्ता संस्थान एंटीबायोटिक्स प्लान्ट वीरभद्र की कॉलोनी में अस्थाई विस्थापन का सुझाव दिया है।

जिला गंगा सुरक्षा समिति के सदस्य विनोद जुगलान ने चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि भू-धँसाव वाले जोशीमठ क्षेत्र के लोग इस बात को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं कि अगर प्रभावित क्षेत्र में वर्षा होती है तो यहाँ स्थिति और अधिक बिगड़ सकती है ऐसे में लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है लोगों का सरकार पर विश्वास बना रहे इस बात के लिए युद्ध स्तर पर समस्या के निदान की आवश्यकता है और राज्य सरकार के पास लैंड बैंक की कमी होने के कारण समस्या का जब तक कोई ठोस विकल्प नहीं मिलता है। तब तक प्रभावितों को वीरभद्र ऋषिकेश स्थित कॉलोनी में स्थानांतरित कर दिया जाए।

ग्रामीण क्षेत्र ऋषिकेश निवासी जुगलान ने कहा कि यहाँ यदि अस्थायी शिविर लगाने की जरूरत भी पड़ती है तो यहाँ पर्याप्त भूभाग उपलब्ध है। एक ओर जहाँ एम्स ऋषिकेश मात्र दो किमी की दूरी पर है वहीं दूसरी ओर विस्थापन कार्यों की समीक्षा के लिए राजधानी से स्थान मात्र 40 चालीस किमी की दूरी पर है।साथ ही इस स्थान पर पहले से ही हेलीपैड की सुविधा उपलब्ध होने कारण किसी भी वक्त विस्थापन कार्यों का त्वरित जायजा साशन प्रसाशन और सरकार द्वारा लिया जा सकता है।उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रभावितों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए त्वरित विस्थापन का आग्रह किया है।