दुर्गम पहाड़ों में पहुँची स्मार्ट शिक्षा, अब गांव-गांव वर्चुअल क्लास

ऋषिकेश। उत्तराखंड के दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में अब शिक्षा का चेहरा बदल रहा है। अवादा फाउंडेशन और प्लैनेट स्कूल की साझेदारी से शुरू की गई पहल के तहत अब बच्चे भी स्मार्ट क्लास और डिजिटल लर्निंग का अनुभव ले रहे हैं।
अवादा फाउंडेशन और प्लैनेट स्कूल की पहल से 42 स्कूलों में वर्चुअल क्लास, 466 स्कूलों को स्मार्ट टेक्नोलॉजी से लैस किया गया
अब तक राज्य के 42 स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम की शुरुआत हो चुकी है, जहां एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पढ़ाया जा रहा है। साथ ही, 466 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट पैनल, कंप्यूटर, प्रिंटर और स्पीकर जैसी आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया गया है।

नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के छात्र अब एनिमेटेड वीडियो और एक्टिविटी-बेस्ड कंटेंट के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं। इससे बच्चों में न सिर्फ पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ी है, बल्कि उनकी समझ और भागीदारी में भी सकारात्मक बदलाव आया है। इस पहल को सफल बनाने के लिए शिक्षकों को विशेष डिजिटल ट्रेनिंग भी दी जा रही है, ताकि वे तकनीक के ज़रिए पढ़ाने में दक्ष हो सकें।
गौरतलब है कि कोविड काल के दौरान भी अवादा फाउंडेशन ने ज़रूरतमंदों को राशन और ऑक्सीजन उपकरण मुहैया कराकर बड़ी राहत दी थी। अब वही संगठन उत्तराखंड को डिजिटल शिक्षा में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
