उत्तराखण्ड टाइम्स : शारदीय नवरात्र प्रारम्भ 7 अक्टूबर 2021,बृहस्पति वार। घट स्थापन अभिजीत मुहूर्त में। घटस्थापन का समय-11:52 मिनट से 12:38 के बीच।
इस वर्ष नव रात्र 8 दिन तक ही सिमट रहे हैं, चतुर्थी तिथि का क्षय हो रहा है। नवरात्र में माँ भगवती के तीन स्वरूपों महालक्ष्मी, महा काली,महा सरस्वती की और दुर्गा के नव रूपों की विशेष पूजा होती है।।
नवरात्रों को मनोकामना की पूर्ति का विशेष पर्व माना जाता है। जो लोग जिस कामना की पूर्ति हेतु मां भगवती की पूजा अर्चना करते हैं, मां उनकी सभी कामनाओं की पूर्ति कर लेतीं हैं।
इन नवरात्रों में उपवास रखने,कन्या पूजा करने और दान दुर्गा मन्दिर में दर्शन करने का एवं दान आदि करने का बड़ा महत्व है।।
आप यदि कोई मंत्र आदि नही जानते हैं, तो केवल मंत्र से भी माँ भगवती को प्रसन्न कर सकते हैं। पूजा विधि-घर के मंदिर और देवी देवताओं की साफ ,सफाई स्नान आदि। पूजा स्थान में माँ भगवती की मूर्ति या फ़ोटो की स्थापना,कलश स्थापना, दीपक स्थापना। यव वपन भी कर सकते हैं। उसके बाद पहले गणेश जी का मानसिक ध्यान,आवाहन,फिर मन्दिर में स्थापितदेवताओं को यथा श्रद्धा और जानकारी अनुसार ध्यान पूजन और फिर माँ भगवती का ध्यान,फिर आवाहन। आवाहन में इस मंत्र का उच्चारण में इस मंत्र का पाठ कर सकते हैं-
उसके बाद जल,वस्त्र,रौली,चावल, पुष्प, दूप,डीप दिखाकर और नैवेद्य/मिठाई फल आदि देवी को अर्पित करें। उसके बाद आप उपासना के क्रम में पाठ या मंत्र जप जो भी आप सुनिश्चित करें, उसे करें और फिर आरती करें ये सामान्य से सामान्य व्यक्ति के लिए दुर्गा पूजा का उपयुक्त क्रम है।।
नोट-इस प्रकार आप उपरोक्त विधि से माँ दुर्गा के जिस किसी रूप की आप श्रद्धा, भाव और समर्पण के साथ पूजा अर्चना करेंगे,माँ दुर्गा आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करेगी।