Uttarakhand: प्रदेश में एक साल में बनीं 814 किमी लंबी ग्रामीण सड़कें, बीते वर्ष की तुलना में 206 किमी अधिक

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बीते वर्ष 2023-24 में किए गए व्यय से 133 करोड़ अधिक है। गत वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन पीएमजीएसवाई-3 के तहत नौ पुलों के निर्माण के लिए 40.77 करोड़ की स्वीकृति केंद्र सरकार से प्राप्त हो गई है

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 814 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया गया। जो बीते वर्ष की तुलना में 206 किमी अधिक है। पीएमजीएसवाई-4 के तहत 1490 सड़क विहीन बसावटों को चिन्हित कर प्रथम चरण में लगभग 8500 किमी सड़कों का सर्वे पूरा कर डीपीआर पर काम शुरू कर दिया गया है।

राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 900 करोड़ के वित्तीय लक्ष्यों के सापेक्ष लगभग 933 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है, जो बीते वर्ष 2023-24 में किए गए व्यय से 133 करोड़ अधिक है। गत वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन पीएमजीएसवाई-3 के तहत नौ पुलों के निर्माण के लिए 40.77 करोड़ की स्वीकृति केंद्र सरकार से प्राप्त हो गई है।

विभाग ने कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर जारी निर्देशों के अतिरिक्त एक विशेष निरीक्षण एप तैयार किया है। एप में फील्ड अधिकारियों के माध्यम से किए जाने वाले निरीक्षणों को नियमित रूप से अंकित किया जा रहा है। केंद्र सरकार स्तर पर भी इस पहल की सराहना कर अन्य राज्यों को इसे अपनाने को कहा है।

बता दें कि सड़क विहीन गांवों के लिए केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना शुरू की गई थी। योजना के प्रथम तीन चरणों में न्यूनतम 500 की आबादी वाले गांवों को सड़कों से जोड़ने का काम पूरा हो चुका है।

डबल इंजन की सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के जरिये राज्य की बसावटों को सड़क से जोड़ने का काम किया जा रहा है। हाल के संपन्न वित्तीय वर्ष में विभाग ने उल्लेखनीय कार्य किया है, अब हम चौथे चरण में शेष बसावटों को बराहमासी सड़क से जोड़ने का काम करेंगे।

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