मोबाइल और लैपटॉप की लत बनी मौत की वजह, 20 वर्षीय बी.फार्मा छात्रा ने कमरे में फांसी लगाई।

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हल्द्वानी. : मोबाइल और लैपटॉप की लत युवा पीढ़ी के लिए खतरनाक साबित हो रही है। माता-पिता की समझाइश और रोक-टोक अब कई बार बच्चों को नागवार गुजर रही है। ऐसी ही एक दर्दनाक घटना हल्द्वानी के शीशमहल स्थित कर्नल वार्ड में सामने आई, जहां एक युवती ने अपनी मां द्वारा डांटने पर आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, ऊर्जा निगम में तकनीकी इलेक्ट्रीशियन के पद पर कार्यरत चंद्रशेखर तिवारी काठगोदाम थाना क्षेत्र के कर्नल वार्ड में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी 20 वर्षीय पुत्री जिज्ञासा तिवारी एक निजी विश्वविद्यालय में बी.फार्मा के तीसरे सेमेस्टर की छात्रा थी। बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह करीब 8 बजे जिज्ञासा लैपटॉप और मोबाइल में व्यस्त थी। इस पर उसकी मां भावना तिवारी ने उसे अधिक समय तक स्क्रीन देखने के लिए टोका और समझाया।

मां की डांट से नाराज जिज्ञासा चुपचाप अपने कमरे में चली गई। कुछ देर बाद जब वह बाहर नहीं आई तो परिजनों ने उसे आवाज दी, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। शक होने पर परिजनों ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर का नजारा देखकर सबके होश उड़ गए। जिज्ञासा पंखे से फंदे पर झूल रही थी। परिजन उसे तत्काल नीचे उतारकर डॉ. सुनीला तिवारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौके से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें युवती ने लिखा “बहुत हुआ, अब मैं शांति से जाना चाहती हूं।” हालांकि नोट में घरेलू विवाद की कुछ बातें भी सामने आई हैं, लेकिन आत्महत्या का मुख्य कारण पारिवारिक नाराजगी और मानसिक तनाव बताया जा रहा है।

इस घटना के बाद इलाके में शोक की लहर है। पड़ोसी और रिश्तेदार परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे। वहीं, पुलिस मामले की जांच कर रही है और मोबाइल तथा लैपटॉप की गतिविधियों की भी जांच की जाएगी ताकि घटना की असल वजह सामने आ सके।विशेषज्ञों का कहना है कि आज के दौर में स्क्रीन एडिक्शन युवा पीढ़ी के लिए गंभीर मानसिक समस्या बन चुका है। लगातार मोबाइल और लैपटॉप पर समय बिताने से युवाओं में चिड़चिड़ापन, अवसाद और सामाजिक दूरी जैसी प्रवृत्तियां तेजी से बढ़ रही हैं। यह घटना एक बार फिर चेतावनी देती है कि परिवारों को संवाद और समझ के ज़रिए बच्चों तक पहुंच बनानी होगी, ताकि इस तरह की त्रासद घटनाओं को रोका जा सके।

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