धौलीगंगा पावर स्टेशन में फंसे सभी 11 कर्मी सुरक्षित बाहर निकाले गए, दूसरी टीम तैनात।

पिथौरागढ़:धारचूला एलागाड़ स्थित धौलीगंगा पावर स्टेशन की टनल के मुहाने पर लगातार आ रहे मलबे को हटाने तथा राहत कार्य में तेजी लाई गई। मंगलवार सुबह NDRF एवं SDRF की संयुक्त टीम ने लगातार हो रही तेज बारिश के बीच सुरंग के मुहाने से मलवा हटाकर भीतर प्रवेश कर इमरजेंसी ऑपरेशंस में तैनात 11 कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकाल दूसरी शिफ्ट को पावर स्टेशन में इमर्जेंसी ऑपरेशंस हेतु भेजा गया ।
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी स्वयं एनएचपीसी अधिकारियों सहित NDRF एवं SDRF की संयुक्त टीम के साथ लगातार संपर्क में रहे और राहत कार्य हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करते रहे। इस कार्य में उनकी सहायता अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह एवं उपजिलाधिकारी धारचूला जितेन्द्र वर्मा द्वारा की गई।एनएचपीसी प्रशासन एवं जिला प्रशासन सुरंग के भीतर मौजूद कर्मियों से लगातार संपर्क बनाए रहे तथा कार्मिकों हेतु समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं यथा भोजन, पानी, संचार, मेडिकल इत्यादि सुनिश्चित की गई हैं एवं पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गए एवं सहायता समय-समय पर उपलब्ध कराते रहे। संयुक्त टीमों ने मलबा हटाने और सुरक्षित निकासी की रणनीति पर तेजी से कार्य करते हुए सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
लगातार हो रही वर्षा राहत कार्य में बड़ी बाधा बनी रही। इस दौरान एनएचपीसी के जीजीएम एम. कनन निरंतर कर्मचारियों के संपर्क में रहे तथा कार्मिकों हेतु भोजन, पानी, संचार, चिकित्सा आदि समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं एवं पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित कराते रहे। आज पहाड़ी से मलबा गिरना बंद होने के उपरांत कर्मियों को बाहर निकाला जा सका। कनन ने बताते हुए कहा कि हमने शिफ्ट परिवर्तन को सुरक्षित रूप से सम्पन्न कर लिया है। दूसरी शिफ्ट को भी ड्यूटी पर लगा दिया गया है। सुरंग के भीतर सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें बेसिक मेडिसिन्स, भोजन-पानी की व्यवस्था, विश्राम के लिए स्थान, टेलीफोन व संचार व्यवस्था, यहाँ तक कि जिम्नास्टिक एवं अन्य आवश्यक सुविधाएँ भी सम्मिलित हैं। हमारे कर्मचारी इन व्यवस्थाओं के कारण भीतर सुरक्षित महसूस करते हैं। मैं विशेष रूप से जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव एवं जिला प्रशासन का इस कार्य में सहयोग और सतत् समर्थन हेतु आभार प्रकट करता हूँ। आगे बताया कि यह क्षेत्र पहाड़ी है और मानसून के दौरान यहाँ बार-बार भूस्खलन की घटनाएँ घटित होती रहती हैं, इसलिए कई कठिनाइयाँ सामने आती हैं। पूर्व में भी ऐसे चुनौतीपूर्ण हालात का सामना हमें करना पड़ा है। ऐसे समय में हमारी टीम पूरी तरह से समर्पित होकर कार्य करती रही है।”सभी 11 कर्मियों को दोपहर 01:00 बजे सुरक्षित बाहर निकाल शिफ्ट बदली गई है। दूसरी शिफ्ट हेतु 15 (13+2) सदस्यीय टीम को सारी सुविधाओं के साथ सुरंग में भेजा गया है। वर्तमान में टनल गेट पर आए मलबे एवं बोल्डरों को हटाने का कार्य प्रशासन द्वारा निरंतर जारी है।
