केदारनाथ में बनने जा रहा दुनिया का सबसे लंबा रोपवे बाबा केदार की राह होगी आसान
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित बाबा केदारनाथ धाम की ओर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं की राह अब आसान होने जा रही है क्योंकि रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक दुनिया का सबसे लंबा रोपवे बनने जा रहा है जिसके चलते श्रद्धालु अब कई घंटे का सफर मात्र 30 मिनट में पूरा कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से न सिर्फ यात्रा का समय घटेगा बल्कि यह यात्रा और भी अधिक सुरक्षित तथा सुविधाजनक साबित होगी। इसके अलावा रोपवे के निर्माण से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को भी एक नई दिशा मिल सकती है जिससे न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा बल्कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बेहतरीन अनुभव भी होगा जिसके जरिए श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के आसानी से केदारनाथ धाम पहुंच सकेंगे ।
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बता दें रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट खुलते ही हर वर्ष श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन करने के लिए भारी संख्या में पहुंचते हैं इस दौरान उन्हे गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढनी पड़ती है। लेकिन अब उन्हे इस चढ़ाई को चढने से जल्द ही निजात मिलने वाली है क्योंकि केदारनाथ धाम को रोपवे से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है। जिसके पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 9.7 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण होना है जिसके लिए निविदा आमंत्रित की गई है। इतना ही नहीं बल्कि समुद्रतल से 11657 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम के लिए सोनप्रयाग से 13 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है। जिसके लिए दो चरणों मे कार्य होना है पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ धाम को जोड़ा जाएगा जबकि दूसरे चरण में सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच 3.3 किलोमीटर हिस्सा रोपवे से जुड़ेगा इसके लिए 956 करोड रुपए का बजट तैयार हो गया है और इसकी निविदा स्वीकृत होते ही जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
kedarnath sonpryag ropeway project बताया जा रहा है कि रोपवे के लिए सोनप्रयाग और केदारनाथ धाम में प्रमुख स्टेशन बनाए जाएंगे जबकि गौरीकुंड चीरबासा व लिनचोली में सब स्टेशन होंगे। रोपवे लगने के बाद तीर्थ यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम पहुंचने में महज 30 मिनट लगेंगे जबकि वर्तमान में पैदल जाने वाले यात्रियों को 7 से 8 घंटे का समय लग जाता है। यह सुविधा खासकर बुजुर्ग बच्चों के लिए विशेष होने वाली है क्योंकि उन्हें अब पैदल चलने जैसी तमाम चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। बताते चले धाम को रोपवे से जोड़ने की परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है जिसके लिए भूमि का हस्तांतरण भी कर लिया गया है।
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