बद्रीनाथ धाम के कपाट विधिवत बंद, चारधाम यात्रा शीतकाल के लिए स्थगित

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गोपेश्वर: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में बढ़ती ठंड और बर्फबारी के बीच बद्रीनाथ धाम के कपाट विधिवत पूजा-अर्चना के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का औपचारिक समापन हो गया।

बद्रीनाथ धाम में प्रातःकाल से ही कपाट बंद होने की विशेष तैयारियां शुरू हो गई थीं। मंदिर परिसर में ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। मुख्य पुजारी और वेदपाठियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान बद्रीविशाल की मूर्ति को शीतकालीन गद्दी स्थान पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान की परंपरागत प्रक्रिया पूरी की गई।

कपाट बंद होने के अंतिम दर्शन के लिए देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु धाम में मौजूद रहे। तीर्थयात्रियों ने भगवान विष्णु के दर्शन कर अगले वर्ष पुनः यात्रा शुरू होने तक की सुख-समृद्धि की कामना की। धर्माधिकारी ने बताया कि मंदिर की परंपरा के अनुसार शीतकाल में धाम की देखरेख देवस्थानम बोर्ड द्वारा निर्धारित व्यवस्थाओं के अनुरूप की जाएगी।

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होते ही केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री पहले ही शीतकालीन अवकाश में चले जाने से पूरी चारधाम यात्रा व्यवस्था अब अगले वर्ष अप्रैल-मई में कपाट खुलने तक विराम पर रहेगी। स्थानीय व्यापारियों और यात्रा से जुड़े लोगों ने इस वर्ष की यात्रा को सफल और शांतिपूर्ण बताया।

चारधाम यात्रा के दौरान इस वर्ष करोड़ों श्रद्धालुओं ने देवभूमि का रुख किया, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा संबल मिला। प्रशासन ने बताया कि यात्रा के दौरान सुरक्षा, चिकित्सा और यातायात की सुचारू व्यवस्थाओं ने तीर्थयात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान किया।

अब बद्रीनाथ धाम की शीतकालीन पूजा-पाठ और दर्शन पांडुकेश्वर स्थित योगध्यान बदरी मंदिर में संपन्न होंगे, जहां छह माह तक भगवान बद्रीविशाल की पूजा जारी रहेगी।

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