सरकारी अधिकारियों की बल्ले-बल्ले, अब शासकीय कार्यों के लिए प्रदेश के भीतर कर सकेंगे हवाई यात्रा
प्रदेश में निर्माण एवं विकास कार्यों के साथ ही कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, अनुश्रवण और निरीक्षण में तेजी आएगी। सरकार ने शासकीय कार्यों के लिए प्रदेश के भीतर समूह-क और समूह-ख श्रेणी के अधिकारियों को हवाई सेवा को अनुमति दी है।वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। प्रदेश में हवाई मार्ग से जन सामान्य को यातायात की सुविधा के लिए नागरिक उड्डयन विकास विभाग के अंतर्गत केंद्र सरकार की उड़ान और राज्य सरकार की एयर कनेक्टिविटी योजनाएं संचालित हो रही हैं।
अधिकारी राज्य में कर सकेंगे हवाई यात्रा
अब इन योजनाओं के माध्यम से शासकीय कार्यों और दायित्व की पूर्ति के लिए अधिकारी हवाई यात्रा कर सकेंगे। सरकार ने इसकी अनुमति दी है। यह अनुमति एक मार्च, 2025 से 28 फरवरी, 2026 तक दी गई है। इस अवधि के उपरांत नागरिक उड्डयन विकास विभाग इस योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करेगा। इसके बाद समूह-ग के कार्मिकों को भी इस योजना के अंतर्गत हवाई सेवा की अनुमति देने के संबंध में प्रस्ताव वित्त विभाग के समक्ष रखा जाएगा।
योजना से संबंधित समस्त जानकारी नागरिक उड्डयन विकास विभाग की वेबसाइट पर दी जाएगी। शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि इन योजनाओं से इतर और प्रदेश के बाहर शासकीय यात्रा करने पर 23 जनवरी, 2019 के शासनादेश का ही पालन करना होगा। यानी, सरकार की अनुमति लेकर ये यात्राएं की जा सकेंगी।
दो घंटे तक अधिकारी करते रहे इंतजार, अंतिम घंटे में पहुंचे नौ फरियादी
वह भी समय था जब तहसील दिवस का बेसब्री से इंतजार होता था। इस दिन तहसील में आमजन की भीड़ उमड़ जाती थी। लेकिन अब तहसील दिवस में आमजन रुचि नहीं ले रहा है। यही कारण है कि अधिकारियों को अब फरियादियों का इंतजार करना पड़ रहा है।
मंगलवार को भी यही नजारा तहसील दिवस पर देखने को मिला। 31 विभागों से अधिकारी तो सुबह 11 बजे अपने समय पर पहुंच गए, लेकिन एक बजे तक फरियादियों को उनकी नजरें खोजती रही। हालांकि, अंतिम एक घंटे में नौ फरियादी पहुंचे, जिनका मौके पर निस्तारण किया गया।
राजीव गांधी कांप्लेक्स स्थित तहसील में महीने के पहले मंगलवार को तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है। जिसमें लोगों की भूमि सहित तमाम समस्याओं को सुनने के बाद समाधान किया जाता है। लेकिन इस मंगलवार को तहसील दिवस पर नजारा अलग ही था। यहां राजस्व, नगर निगम, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, उद्यान, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, कृषि विभाग समेत 31 विभागीय अधिकारी पहुंचे।
विभागीय अधिकारी दो घंटे तक फरियादियों का इंतजार करते रहे, लेकिन एक बजे तक एक भी फरियादी तहसील दिवस में नहीं पहुंचा। इसके बाद एक घंटे यानी दो बजे तक नौ फरियादी ही अपने मामले को लेकर पहुंचे। राजस्व संबंधित इन मामलो का मौके पर निस्तारण कर दिया गया।
हालांकि, तहसील दिवस में मौजूद अधिकारियों का मानना है कि तहसील दिवस से पहले हर सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय में जनता दरबार लगता है, इसलिए अधिकांश शिकायतों का निस्तारण वहीं हो जाता है। तहसील दिवस में तहसीलदार सुरेंद्र देव सिंह, राधा नेगी, एम पाठक, पवन देव आदि मौजूद रहे। सात महीने में 189 अधिकारी, शिकायतें सिर्फ 77 आई तहसील दिवस में बीते सात महीने की बात करें तो कुल 189 विभागों ने उपस्थित दर्ज कराई, जबकि फरियादियों की शिकायतें सिर्फ 77 ही आई।
सबसे ज्यादा अक्टूबर में 25 शिकायतें दर्ज हुई। सितंबर में 28 विभाग पहुंचे पांच शिकातें दर्ज हुई। अक्टूबर में 31 अधिकारी पहुंचे, जबकि 25 मामले दर्ज हुए। नवंबर में 25 विभागीय अधिकारियों के सामने सिर्फ छह शिकायतें आई। दिसंबर में 11 शिकायतें दर्ज हुईं, वहीं 13 अधिकारियों ने उपस्थिति दर्ज कराई। जनवरी में छह शिकायतें, जबकि अधिकारी 33 पहुंचे। इसी तरह फरवरी में 28 अधिकारी और 11 मामले आए। वहीं, इस बार तहसील दिवस में 31 विभागों से अधिकारी पहुंचे थे, लेकिन शिकायतें सिर्फ नौ आईं।

