पहाड़ी जिलों के हक की लड़ाई: उत्तराखंड में फिर जगा आंदोलन

Ad
खबर शेयर करें -

विरोध किया जाएगा. वैसे भी उत्तराखंड अलग राज्य की मांग की जो अवधारणाएं थी. पहाड़ी जिलों का विकास हेतु उत्तराखंड अलग राज्य की मांग की गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार है केवल अपना ही तो साधने में लगी है. जो यहां के जनमानस की मूल अवधारणा थी. उससे हटकर के काम किया जा रहे हैं. हम सरकार से पुनः मांग करते हैं. इस मुद्दे को विधानसभा में उठाकर सदन से प्रस्ताव पारित किया जाए.उत्तराखंड राज्य का निर्माण जिन उद्देश्यों के लिए हुआ था. जिन मूलभूत सुविधाओं के लिए किया गया था. उनको मध्य नजर रखते हुए उत्तराखंड राज्य का परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर किया जाए. बैठक में विचार रखने वालों में बलवीर सिंह नेगी, डी एस गुसाईं, गंभीर मेवाड़, युद्धवीर सिंह चौहान, रकम पोखरियाल, राजेंद्र कोठारी, हरि सिंह नेगी, प्रेम सिंह रावत, विशंभर दत्त डोभाल, जगदीश प्रसाद भट्ट, महादेव रामगढ़, रोशनी देवी, रामेश्वरी चौहान, उर्मिला डबराल, पूर्ण राणा सीमा पाल पूर्णिमा बडोनी उषा गुप्ता प्रमिला रमोला भगवती चमोली रूपा दशामाना शीला ध्यान रविंद्र कौर शोभा बिजवान उर्मिला डबराल विजयलक्ष्मी सहित सैकड़ो लोग मौजूद थे, बैठक की अध्यक्षता बलवीर सिंह नेगी तथा संचालन डी एस गुसाईं ने किया, बैठक के अंत में अहमदाबाद में हवाई जहाज में दुर्घटना के आकस्मिक निधन पर एवं केदारनाथ में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उन लोगों की आत्मा शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखकर भगवान से प्रार्थना की गई.

Ad
Ad