पुरी के जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षा में बड़ी चूक, सेवक मोबाइल से तस्वीरें खींचते हुए पकड़ा गया

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ओडिशा: विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। मंदिर परिसर के अंदर एक सेवक को मोबाइल फोन से तस्वीरें खींचते हुए पकड़ा गया। यह घटना उस समय की है जब मंदिर प्रशासन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग पर पहले से ही सख्त प्रतिबंध लागू कर चुका है। मंदिर परिसर में मोबाइल फोन, कैमरा या किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के उपयोग की सख्त मनाही है, ताकि श्रद्धालुओं की गोपनीयता और सुरक्षा बनी रहे।

सूत्रों के अनुसार, मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने सेवक को संदिग्ध गतिविधि करते देखा और तलाशी लेने पर उसके पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ। जांच में सामने आया कि सेवक ने मंदिर के अंदरूनी हिस्सों की कुछ तस्वीरें खींची थीं, जो मंदिर प्रशासन के नियमों का गंभीर उल्लंघन है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की और सेवक को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने सेवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि यह जांच की जा रही है कि सेवक ने ये तस्वीरें किसी को भेजी हैं या नहीं, और क्या इस घटना में किसी बाहरी व्यक्ति की संलिप्तता है।

मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हाल ही में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने मोबाइल फोन पर पूर्ण प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया था। इसके तहत मंदिर में प्रवेश से पहले सभी श्रद्धालुओं और कर्मचारियों की तलाशी ली जाती है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जमा करवाए जाते हैं।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भी श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर और उसके आसपास के क्षेत्र को “नो-फ्लाई ज़ोन” घोषित किया है। इसका मतलब है कि मंदिर के ऊपर या उसके आस-पास ड्रोन उड़ाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद सुरक्षा में हुई इस चूक ने प्रशासन की सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मंदिर प्रशासन ने कहा है कि आगे से सुरक्षा जांच को और कड़ा किया जाएगा तथा सेवकों और कर्मचारियों के लिए भी सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। इस घटना के बाद मंदिर के भीतर और बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ताकि भविष्य में इस तरह की कोई चूक दोबारा न हो।

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