दून मेडिकल कॉलेज में नई स्टेंटिंग तकनीक से कैंसर मरीजों को बड़ी राहत

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देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल ने अब “स्टेंटिंग तकनीक शुरू की है, जिससे भोजन की नली या पाचन तंत्र की नली ट्यूमर या कैंसर के कारण बंद होने पर बिना किसी बड़े ऑपरेशन के खोली जा सकेगी। यह तकनीक राज्यभर के मरीजों के लिए उम्मीद की किरण साबित होगी।

अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में शुरू हुई इस प्रक्रिया में एंडोस्कोपिक स्टेंट डाला जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, यह स्टेंट नली को स्थायी रूप से खुला रखता है और मरीज को तुरंत राहत देता है। इस प्रक्रिया के बाद मरीज सामान्य रूप से भोजन कर सकता है और उसकी जीवन गुणवत्ता में सुधार आता है।

अस्पताल प्रशासन ने बताया कि यह सुविधा पहले केवल बड़े शहरों के सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों तक ही सीमित थी। अब दून मेडिकल कॉलेज में इसे शुरू करने से मरीजों को दिल्ली, चंडीगढ़ या लखनऊ जैसे शहरों का रुख करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे मरीजों के समय और आर्थिक दोनों ही संसाधन बचेंगे।स्थानीय मरीज और परिजन इस कदम को राज्य की बड़ी मेडिकल उपलब्धि मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से गरीब और ग्रामीण मरीजों को तुरंत और प्रभावी इलाज मिलेगा, अस्पताल की मानक प्रक्रिया के अनुसार, स्टेंटिंग तकनीक से जुड़े मरीजों की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी और उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर नज़र रखी जाएगी।

डॉक्टरों ने बताया कि यह तकनीक विशेषकर उन मरीजों के लिए फायदेमंद है, जो बड़े ऑपरेशन का जोखिम नहीं उठा सकते या जिनके स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर है। इसके अलावा, स्टेंटिंग प्रक्रिया में अस्पताल ने अत्याधुनिक उपकरण और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम का इंतजाम किया है, ताकि किसी भी जटिल स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध हो, इस पहल से न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि आसपास के राज्यों के मरीजों को भी लाभ मिलेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में इस तकनीक का विस्तार और भी कैंसर से प्रभावित अंगों पर किया जा सकता है।

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