गंगा पूजन के साथ ऋषिकेश में ब्रह्मोत्सव शुरू

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ऋषिकेश :  जगद्गुरू स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज के सानिध्य में देश विदेश से आए श्रद्धालुओं ने गंगा पूजन किया। महाराज ने कहा कि सृष्टि के प्रारंभ में जगत के कल्याणार्थ ब्रह्मा जी ने यज्ञ किया। यज्ञकुंड से भगवान का विग्रह प्रकट हुआ। प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उत्सव मनाया जिसको ब्रह्मोत्सव कहा गया। प्रत्येक दिव्यदेशों में भगवान के श्रीविग्रह के प्राकट्योत्सव को ब्रह्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। 27वर्ष पूर्व ऋषिकेश की पावन धरा पर भगवान वेणुगोपाल प्रकट हुए। तभी से प्रत्येक वर्ष ब्रह्मोत्सव मनाया जाता है।

उत्तराधिकारी स्वामी गोपालाचार्य ने कहा कि देशवासियों के मंगल कल्याणार्थ अरणी मंथन से पंच दिवसीय यज्ञ का शुभारंभ ऋषिकेश के संतो के सानिध्य में प्रारंभ हुआ है।पांच दिनों तक चलने वाले ब्रह्मोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश विदेश के श्रद्धालुओं के साथ गणमान्य अतिथि भाग लेंगे।कार्यक्रम का संचालन करते हुए महंत रवि प्रपन्नाचार्य ने कहा कि ब्रह्मोत्सव के अंतर्गत अक्षय तृतीया को भगवान वेणुगोपाल रजत सिंहासन पर विराजमान हो कर ऋषिकेश के भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण करेंगे। इस मौके पर स्वामी दयाराम देवाचार्य, म. मं. ईश्वर दास, म. मं. वृन्दावन दास, म. मं.गणेश दास,महंत विष्णु दास, केशवस्वरूप ब्रह्मचारी, जगदीश प्रपन्नाचार्य, महंत आलोक हरि,निर्मल दास, स्वामी अखंडानंद, महंत गवानंद, सुरेंद्र भंडारी, आशाराम व्यास, अशोक शर्मा, रोशन लाल, राकेश मोहन, विजय वशिष्ठ, प्रदीप श्रीवास्तव आदि उपस्थित हुए.

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