सांसों पर नियंत्रण, स्वास्थ्य पर प्रभाव: फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने वाले 5 प्राणायाम


कोविड-19 महामारी की यादें अभी भी ताज़ा हैं, जिसने कई लोगों को अपना शिकार बनाया था। अब फिर से यह वायरस, जो फेफड़ों को क्षति पहुँचाता है, सक्रिय हो रहा है। एक नया वेरिएंट तेजी से फैल रहा है, खासकर भारत और अन्य एशियाई देशों में। 3 जून 2025 तक भारत में कोविड-19 के 4,026 नए मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे में कोविड-19 से बचाव के उपाय अपनाना और अपनी प्रतिरक्षा शक्ति तथा फेफड़ों को मजबूत बनाना अत्यंत आवश्यक है।

फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाने में सांस लेने की कुछ विशेष एक्सरसाइज (ब्रीदिंग एक्सरसाइज) बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। ये अभ्यास फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने, ऑक्सीजन के स्तर में सुधार लाने और तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए जानते हैं फेफड़ों को मजबूती देने वाली ऐसी ही 5 प्रभावी ब्रीदिंग एक्सरसाइज के बारे में।
फेफड़ों को हेल्दी बनाने के लिए 5 ब्रीदिंग एक्सरसाइज
डीप ब्रीदिंग
डीप ब्रीदिंग सबसे आसान, लेकिन असरदार लंग एक्सरसाइज है। इसे नियमित रूप से करने से फेफड़ों की काम करने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही, इससे स्ट्रेस और एंग्जायटी भी कम होती है, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।
कैसे करें?
- सीधे बैठ जाएं और एक हाथ पेट पर रखें।
- नाक से गहरी सांस लें, पेट को फूलने दें।
- कुछ सेकंड रोककर रखें, फिर धीरे-धीरे मुंह से सांस छोड़ें।
- इसे 5-10 बार दोहराएं।
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम एक ऐसी ब्रीदिंग एक्सरसाइज है, जो ऑक्सीजन लेवल सुधारने, फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने और फेफड़ों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
कैसे करें?
- पद्मासन में बैठ जाएं।
- अब तेजी से नाक से सांस लें और भंवरे की तरह आवाज निकालते हुए सांस बाहर छोड़ें।
- 10 बार ऐसा करने के बाद नॉर्मल सांस लें।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अनुलोम-विलोम फेफड़ों को डिटॉक्स करने में मदद करती है। इसके अलावा, यह ऑक्सीजन लेवल को भी सुधारता है। इसे सुबह के समय करने से मन को शांति भी मिलती है।
कैसे करें?
- रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं।
- अब दाएं अंगूठे से दाएं नथुने को बंद करें, बाएं नथुने से सांस लें।
- फिर बाएं नथुने को अंगुली से बंद करके दाएं से सांस छोड़ें।
- इसे 5-10 मिनट तक दोहराएं।
पर्स्ड लिप ब्रीदिंग (होंठों को सिकोड़कर सांस लेना)
पर्स्ड लिप ब्रीदिंग फेफड़ों में हवा का फ्लो बेहतर बनाता है और यह सीओपीडी के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे सांस फूलने की समस्या कम होती है।
कैसे करें?
- आराम से बैठें, गर्दन और कंधे रिलैक्स रखें।
- नाक से दो सेकंड तक सांस लें।
- होंठों को सिकोड़कर और धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- 5-10 बार इस प्रोसेस को दोहराएं।
डायाफ्रामेटिक ब्रीदिंग (पेट से सांस लेना)
डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग से फेफड़े मजबूत बनते हैं और तनाव भी कम होता है।
कैसे करें?
- पीठ के बल लेट जाएं और घुटने मोड़ें।
- एक हाथ छाती पर और दूसरा पेट पर रखें।
- नाक से गहरी सांस लें और पेट को फुलाएं।
- होंठों को सिकोड़कर सांस छोड़ें।
Disclaimer: यह जानकारी सामान्य शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। कोविड-19 आँकड़े सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित हैं। ब्रीदिंग एक्सरसाइज चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं हैं। किसी भी स्वास्थ्य स्थिति में योग्य चिकित्सक से परामर्श लें। व्यक्तिगत परिणाम भिन्न हो सकते हैं।
