SHG उत्पादों को सरकारी क्रय प्रणाली से जोड़ेगी केंद्र सरकार वित्त मंत्री सीतारमण
देहरादून : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने देहरादून प्रवास के दौरान उत्तराखंड की महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य के ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं ने आर्थिक सशक्तिकरण का एक मजबूत मॉडल तैयार किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य इन समूहों को न केवल वित्तीय रूप से और मजबूत बनाना है, बल्कि उनके उत्पादों को राष्ट्रीय क्रय प्रणाली, आधुनिक बाजारों और डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने के लिए ठोस पहल करना भी है।उन्होंने बताया कि विभिन्न जिलों में SHG महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादो जैसे जैविक खाद्यान्न, हर्बल उत्पाद, पहाड़ी मसाले, हथकरघा और हस्तशिल्प सामग्री में देशव्यापी स्तर पर बड़ी मांग पैदा की जा सकती है। इसके लिए आवश्यक है कि इन उत्पादों को गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, आकर्षक पैकेजिंग और उचित मूल्य निर्धारण से जोड़ा जाए। सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार SHG समूहों को इन सभी सुविधाओं से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, तकनीकी सहायता और संस्थागत मदद उपलब्ध करा रही है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को सरकारी खरीद की जेम पोर्टल प्रणाली से जोड़ने की प्रक्रिया तेज की जाएगी, जिससे उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य और स्थायी खरीदार मिल सकें। वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं के उत्पादों को सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों की खरीद सूची में शामिल करने पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। इससे ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक दायरा और बड़ा होगा और उनकी आय में निरंतर वृद्धि होगी। सीतारमण ने अपने संबोधन में बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिलाओं को डिजिटल कौशल, स्मार्ट उद्यम प्रबंधन और बाजार मांग को समझने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहाड़ की महिलाओं में अद्भुत जिम्मेदारी, परिश्रम और सामूहिक कार्य क्षमता है, और इन्हीं गुणों के आधार पर उत्तराखंड देश का एक सशक्त “महिला उद्यम मॉडल” बन सकता है।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर SHG उत्पादों के लिए “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट”, “प्रधानमंत्री योजना ” और “लखपति दीदी” जैसे कार्यक्रमों का लाभ सरलता से महिलाओं तक पहुँचाने के लिए ठोस प्रयास कर रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड की लाखों महिलाएँ घरेलू उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी।कार्यक्रम के दौरान उपस्थित महिलाओं ने अपनी सफलता कहानियाँ साझा कीं और बताया कि कैसे सरकारी योजनाओं से उन्हें वित्तीय मदद और बाजार से जोड़ने में सहूलियत मिली है। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी, महिला समूहों की प्रतिनिधि और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
