ऋषिकेश में पार्क निर्माण पर विवाद, नेपाली फार्म तिराहे पर धन के दुरुपयोग का आरोप


- नेपाली फार्म में बनने वाले पार्क के विरोध में धरना प्रदर्शन
- दरकिनार कर किया जा रहा सरकारी धन बर्बाद -जयेंद्र रमोला
- १.३५ करोड़ की लागत से बनना है पार्क नेपाली फार्म तिराहे पर
ऋषिकेश : नेपाली फार्म में जन सुविधाओं की अनदेखी कर लाखों रूपयों से बन रहे पार्क के विरोध में आम जन के साथ कांग्रेस व मूल निवास भू-कानून समिति ने संयुक्त रूप से रविवार को सांकेतिक धरना दिया।कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला व मूल निवास भू-कानून समिति के संस्थापक संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि जहां एक ओर ऋषिकेश वासी जाम की समस्या से परेशान हैं, वहीं, दूसरी ओर नेपाली फार्म तिराहे पर सैकड़ों की संख्या में यात्री अपने गंतव्य को जाने के लिए फ्लाई ओवर के नीचे खड़े होकर बसों का इंतज़ार करते हैं। लेकिन, वहां ना तो बैठने की व्यवस्था है, ना पीने के लिए पानी की, और ना ही सुलभ शौचालय की व्यवस्था है। जबकि सरकार पोस्टरों, बैनरों व विज्ञापनों के माध्यम से देश भर में स्वच्छता अभियान चलाकर वाहवाही लूट रही है। सरकार को जनहित की समस्याओं से कोई गुरेज नहीं है। सरकार इस जगह पर लाखों रूपयों की दीनदयाल उपाध्याय जी की मूर्ति, लाखों रूपयों की लागत से फव्वारा लगाकर मूलभूत ज़रूरतों को दरकिनार कर यात्रियों, पर्यटकों व स्थानीय लोगों के बैठने की जगह को कम कर रही है। जबकि वीकेंड पर अत्यधिक भीड़ होने पर विश्राम करने तक की जगह कम पड़ जाती है।
सरकार द्वारा इस तरह के कार्य करवाकर लाखों रुपयों को ठिकाने लगाने का कार्य किया जा रहा है जिसमें पूर्ण रूप से क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल की संलिप्तता सामने आ रही है। जिसके कारण ऋषिकेश का विकास कई वर्षों से रूका पड़ा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र का। वे सिर्फ अपने पुत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्र में विकास की बात कर रहे हैं। जबकि स्थानीय लोग इस योजना का विरोध कर रहे हैं। और मांग करते हैं कि इस पैसों से जनहित के कार्य किए जाएं।प्रदेश संयोजक लुसुन टोडरिया व स्थानीय निवासी पूर्व सैनिक कैप्टन शीशपाल पोखरियाल ने कहा कि इस तिराहे पर सैकड़ों की संख्या में लोग रुकते हैं और जिसमें महिलाओं की संख्या भी काफ़ी होती है परन्तु यहां पर कोई शौचालय की व्यवस्था नहीं है। रात में पुरूष-महिलाएं यात्री शौच के लिए मजबूरन या तो फ्लाई ओवर के पिलरों की आड़ में या जंगल में (जहां जंगली जानवरों की दहशत रहती है) या स्थानीय लोगों के व्यक्तिगत शौचालयों का सहारा लेते हैं।बता दें इस जगह पर जंगली जानवरों का ख़तरा हमेशा बना रहता है। सरकार को अपने विवेक का स्तेमाल कर यहां शौचालय का निर्माण करना चाहिए, ताकि महिला यात्रियों के साथ साथ वरिष्ठजनों को उसकी सुविधानुसार व्यवस्था मिले।
हम एमडीडीए के इस कार्य का विरोध करते हैं-
शिक्षाविद् संजय सिल्सवाल व हिमांशु रावत ने कहा कि हम फिजूल के कार्यों का पूर्ण रूप से विरोध करते हैं और इस कार्य में जितने भी लोग संलिप्त हैं उनकी जांच की मांग करते हैं। साथ ही एमडीडीए के द्वारा हो रहे टेंडर प्रक्रिया की भी जांच की मांग करते हैं, ताकि पता चल सके कि जनहित के लिए कार्य करने के नाम पर स्वयं हित के लिए कार्य तो नहीं किए जा रहे।विरोध करने वालों में कुसुम जोशी, रमेश रांगड़, बॉबी रांगड़, गौतम राणा, रोहित नेगी, महेश चौहान, निर्मल रांगड़, विजयपाल सिंह, सहित कई स्थानीय लोग मानवेंद्र सिंह राणा, बिशन सिंह राणा, रामकिशोर, प्रवीन रतूड़ी, विक्रम बिष्ट, मोनू नेगी, देव सिंह नेगी, कमल सिंह राणा, सोहन पाल सिंह राणा, अक्षत राणा आदि मौजूद थे।
नेपाली फार्म चौक, जनता की मांगे इस प्रकार हैं –
१. सुलभ शौचालय
२. यात्रियों की बैठने और विश्राम की व्यवस्था
३. पीने का स्वच्छ जल
४. साफ सफाई की व्यवस्था
५. निराश्रित गोवंश की सड़कों से गौशाला का बंदोबस्त
६. श्यामपुर फाटक की दयनीय स्थिति का सुधार कार्य जिससे गाड़ियां हिलोरे लेके चलती है
७. गढ़ी हाइवे की चौक नाली का निर्माण कार्य यात्रा और बरसात से पहले जिसका ऑलरेडी टेंडर हो चुका है लेकिन कोई सुध लेनेवाला नहीं है
८. श्यामपुर की पहचान सत्यनारायण मंदिर पोस्ट ऑफिस की सुधार या नवनिर्माण कार्य
९. चारधाम यात्रा की प्रथम चट्टी एवं श्रेत्र भी पहचान, प्राचीन सत्यनारायण मंदिर का जीर्णोधार,सौंदर्यीकरण का कार्य, जहां यात्रियों के विश्राम एवं ठहरने का बंदोबस्त हो सकता है
१०. सत्यनारायण गौहरीमाफी संपर्क मार्ग का निर्माण, जो आजादी का अमृतोसव एवं अंत्योदय योजना की याद दिलाता है
नेपाली फार्म तिराहे पर सरकार द्वारा एक करोड़ ३५ लाख की योजना पास की गई है सरकार फंड को अगर ठिकाने लगाना है तो सही जगह और जरूरत के अनुरूप लगाइए.
