दिल्ली की हवा ‘ज़हर’ बनी AQI 500 पार, सरकार ने लागू किया GRAP-IV

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दिल्ली : दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। सोमवार सुबह राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 512 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर और आपात’ श्रेणी में आता है। सड़कों पर धुंध की मोटी परत छाई है और सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के चलते दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया है और स्कूलों को बंद करने या ऑनलाइन क्लास शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।

पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी के कारण दिल्ली की हवा में धुएं की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक आनंद विहार, द्वारका, आईटीओ और रोहिणी जैसे इलाकों में AQI 500 से ऊपर दर्ज किया गया है। वहीं नोएडा और गाजियाबाद में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

सरकार ने आपात कदम उठाते हुए निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़े कार्यों पर रोक लगा दी है। ईंट भट्टों और स्टोन क्रशर यूनिट्स को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जबकि जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हालात लगातार बिगड़ रहे हैं और यदि अगले 48 घंटे में कोई सुधार नहीं हुआ तो स्कूलों और दफ्तरों के लिए वर्क फ्रॉम होम जैसे कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि वे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें और बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें। उन्होंने कहा कि बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। इस बीच राजधानी के अस्पतालों में सांस लेने में दिक्कत, गले में खराश और आंखों में जलन की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। डॉक्टरों ने लोगों को सुबह-शाम के समय टहलने से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी है।मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी बनी हुई है जिससे पराली का धुआं सीधे दिल्ली की ओर आ रहा है। अगले दो दिनों तक राहत की संभावना नहीं है, हालांकि 30 अक्टूबर के बाद हल्की बारिश से कुछ सुधार हो सकता है।

पर्यावरणविद सुनीता नारायण ने कहा कि दिल्ली की यह समस्या अब हर साल की नियति बन गई है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने, वाहन प्रदूषण और खुले में कचरा जलाने पर सख्त नियंत्रण के बिना कोई समाधान संभव नहीं है। लोगों का कहना है कि हर साल यही हाल होता है, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकाला गया।

राजधानी की सड़कों पर सुबह से धुंध छाई रही, वाहनों की हेडलाइटें दिन में ही जलानी पड़ीं। ऑफिस जाने वाले लोग मास्क लगाए दिखाई दिए। दिल्ली फिर उसी स्थिति में पहुंच चुकी है, जब सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं।

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