उत्तराखंड राज्य आंदोलन के प्रखर योद्धा दिवाकर भट्ट का निधन

खबर शेयर करें -

हरिद्वार: उत्तराखंड राज्य आंदोलन के प्रखर योद्धा, उप्रत के वरिष्ठ नेता और जनहित के मुद्दों पर हमेशा मुखर रहने वाले दिवाकर भट्ट का मंगलवार शाम निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे। पिछले दस दिनों से दिवाकर भट्ट देहरादून स्थित महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका उपचार चल रहा था। चिकित्सकों की सलाह पर स्वास्थ्य में सुधार न होने और बढ़ती सूजन के कारण मंगलवार सुबह उन्हें हरिद्वार स्थित उनके आवास ले जाया गया, जहां शाम करीब 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

दिवाकर भट्ट उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान प्रमुख चेहरों में शामिल थे। पर्वतीय क्षेत्रों की समस्याओं, अलग राज्य की माँग और जनहित के मुद्दों को लेकर उन्होंने अपना पूरा जीवन संघर्ष को समर्पित किया। आंदोलन के दिनों में उनका नेतृत्व और संघर्षशीलता लोगों में नई ऊर्जा भरने वाला रहा। राज्य गठन के बाद भी उन्होंने सामाजिक सरोकारों और क्षेत्रीय विकास के मुद्दों पर सदैव मुखर भूमिका निभाई।

उनके निधन की खबर से पूरे राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। आंदोलनकारी संगठनों, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने दिवाकर भट्ट के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सबने उन्हें संघर्ष, समर्पण और स्वाभिमान की मिसाल बताया। कई आंदोलनकारियों ने कहा कि दिवाकर भट्ट का जाना उत्तराखंड राज्य आंदोलन की विरासत के लिए अपूरणीय क्षति है।

दिवाकर भट्ट के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही लोगों की भीड़ इकट्ठा होने लगी थी। देर शाम तक उनके आवास पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते रहे। परिवार के लोगों ने बताया कि अंतिम संस्कार से जुड़ी जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।

जन आंदोलनों के इस सशक्त स्वर के मौन हो जाने से उत्तराखंड ने एक दृढ़, निर्भीक और जननायक व्यक्तित्व को खो दिया।

Ad