मुख्यमंत्री के समक्ष डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने उठाईं ऋषिकेश की जमीनी समस्याएं और विकास की मांगें

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बैठक में डॉ. अग्रवाल ने त्रिवेणी घाट पर हरिद्वार की तर्ज पर लेज़र लाइट शो और गंगा की जलधारा को घाट तक नियमित लाने की मांग की। साथ ही श्यामपुर खदरी तक गंगा किनारे आस्था पथ तथा संजय झील और तीनपानी क्षेत्र में लच्छीवाला की तर्ज पर वाटर पार्क और विश्राम गृह निर्माण का भी प्रस्ताव रखा।

शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी संस्थानों पर भी जोरडॉ. अग्रवाल ने क्षेत्र में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की मांग करते हुए कहा कि इससे स्थानीय युवाओं को बाहर न जाना पड़े। उन्होंने खदरी खड़कमाफ स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में नई तकनीकी शाखाएं और श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश कैंपस में विधि एवं शिक्षा संकाय शुरू करने का भी आग्रह किया।

ग्रामीण विकास व जल भराव समाधान की मांगपांडे प्लॉट, आडवाणी प्लॉट जैसे क्षेत्रों में हर साल मानसून में जलभराव की समस्या रहती है, जिसे स्थायी समाधान की आवश्यकता है। जल जीवन मिशन और सीवर लाइन बिछाने के दौरान टूटी सड़कों की मरम्मत की भी उन्होंने मांग की।

एम्स में अलग काउंटर और PRO की मांग

एम्स ऋषिकेश में पहाड़ से आने वाले मरीजों के लिए अलग काउंटर बनाने और राज्य सरकार की ओर से जनसंपर्क अधिकारी की नियुक्ति पर बल दिया गया।

पर्यावरण सुरक्षा और योग सिटी के रूप में पहचानडॉ. अग्रवाल ने गंगा मार्ग से जंगलों में हो रही लकड़ी चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने और बृहद योग सेंटर निर्माण की बात की, जिससे ऋषिकेश की पहचान राज्य की पहली योग नगरी के रूप में हो।

बाढ़ सुरक्षा और कुंभ 2027 की तैयारी ग्रामीण क्षेत्रों

साहबनगर, छिद्दरवाला, खैरी खुर्द, गौहरी माफी, रायवाला—में तटबंध निर्माण, तथा कुंभ 2027 को दृष्टिगत रखते हुए घाटों और नहरों के जीर्णोद्धार का मुद्दा भी रखा गया।

गौ-सदन व पशु सेवा केंद्र की मांग

उन्होंने गौ सदन, नंदीशाला, एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर और निराश्रित कुत्तों के लिए शरणालय खोले जाने की मांग की, जिससे नगर निगम क्षेत्र में पशु कल्याण कार्यों को गति मिल सके।

डॉ. अग्रवाल द्वारा उठाए गए ये मुद्दे ऋषिकेश की भावी विकास योजनाओं को रेखांकित करते हैं, जिनमें पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और बुनियादी ढांचा शामिल हैं।

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