ऋषिकेश में भी “कारा एक प्रथा” गढ़वाली फिल्म को मिले 10 में से 10 नंबर। देखिए रिव्यू

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देहरादून के बाद अब ऋषिकेश में “कारा एक प्रथा” गढ़वाली फिल्म ने धूम मचा दी है। 3 जनवरी शुक्रवार से लग रही है रामा पैलेस ऋषिकेश में । गढ़वाली सिनेमा ने अपने उत्तराखंडी भाई बहनों को नए साल का नया तोहफा दिया है। ऋषिकेश की जनता आप नए साल पर अपने उत्तराखंड की बनी फिल्म देख पाएगी।

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देखिए वीडियो ——

फ़िल्म के रिव्यू——-


परिणीता डोभाल बडोनी द्वारा निर्मित ये फिल्म मॉल ऑफ देहरादून हरिद्वार रोड पर लगी थी. लगातार दो हफ्ते.अब ऋषिकेश में लगी है। यह फिल्म लोक प्रथा और सत्य घटना पर आधारित घरेलू हिंसा, नारी उत्पीड़न के साथ साथ नारी सशक्तिकरण और संस्कार निष्ट नारी शक्ति की अनुपम अनुकृति है. निर्देशन फिल्मांकन वाद संवाद बहुत हृदयग्राही हैं जो दर्शकों को आकर्षित करके भाव विभोर कर देते हैं.फिल्म में सभी कलाकारों का अभिनय भी अति उत्तम है. गीत संगीत भी बहुत मनमोहक है. अपनी लोकसंस्कृति के अनछुए पहलुओं को फिल्म बना कर विधिवत जन सामान्य के सामने रखना भी अति सराहनीय है. ऐसे में देखा जाए तो लेखक ने तो लिख दी.लेकिन उस पर फिल्म बनाकर बहुत बड़ा जोखिम लिया था. ऊपर से महिला प्रधान फिल्म है, आवश्यक फिल्म के तत्वों को दरकिनार कर दर्शकों के सामने परोस दी. फिर भी दर्शक तारीफ कर रहे हैं तो पूरा क्रेडिट फिल्म से जुड़े हर एक ब्यक्ति को जाता है. स्थानीय भाषाओं पर आधारित फिल्म बनाने में “कारा” को एक उम्दा उदहारण के तौर पर देखा जा सकता है. हम यह कह सकते हैं, विषय को लेखक और निर्देशक और अभिनेता व अन्य फिल्म से जुड़े लोग न्याय दिलाने में सफल रहे हैं.