विवाह पंचमी पर होगा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में ध्वजारोहण, तैयारियां अंतिम चरण में

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अयोध्या: भारतवासियों के आराध्य प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर बन रहा भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर अब अपने पूर्ण रूप की ओर बढ़ चुका है। लंबे इंतजार के बाद मंदिर परिसर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुँच गया है। इसी बीच 25 नवंबर, विवाह पंचमी के पावन अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में ध्वजा आरोहण का ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन मंदिर आंदोलन के लंबे संघर्ष, श्रद्धा और भारत की अस्मिता का प्रतीक माना जा रहा है।

मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन मुख्य शिखर पर धर्मध्वजा को विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के बीच फहराया जाएगा। यह ध्वजा विशेष रूप से काशी के कारीगरों द्वारा तैयार की गई है, जिसे शुभता, विजय और धर्म की स्थापना का प्रतीक माना जाता है। ध्वजा की स्थापना के समय देशभर से आए श्रद्धालु, साधु-संत और विभिन्न धार्मिक परंपराओं से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

श्रीराम जन्मभूमि परिसर में तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं। मंदिर प्रांगण में साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए प्रशासन चौकन्ना है। आयोजन के दौरान स्थानीय प्रशासन की ओर से ट्रैफिक प्लान और सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त जवान तैनात किए जाएंगे। शहर के प्रमुख मार्गों पर भगवा ध्वज, झालरों और राम नाम की सजावट की जा रही है, जिससे पूरा अयोध्या राममय वातावरण में डूबा हुआ दिखाई दे रहा है।

ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार, ध्वजारोहण कार्यक्रम मंदिर निर्माण को समर्पित श्रमिकों, इंजीनियरों और कारसेवकों के प्रति श्रद्धांजलि का भी प्रतीक होगा। यह क्षण अयोध्या के इतिहास के साथ-साथ देशवासियों के लिए भी अत्यंत भावुक और गौरवपूर्ण माना जा रहा है।

विवाह पंचमी पर होने वाला यह कार्यक्रम धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसी दिन माता सीता और प्रभु श्रीराम का दिव्य विवाह हुआ था। इसीलिए ध्वजारोहण को विजय, सौभाग्य और नए आरंभ का प्रतीक बताया जा रहा है।

अयोध्या में इस अनूठे अवसर को लेकर उत्साह चरम पर है। देशभर में रामभक्त इस कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जबकि मंदिर परिसर में अंतिम तैयारियां पूरे जोर-शोर से जारी हैं।

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