होलिका दहन 2025: जानें शुभ मुहूर्त, केवल इतने समय तक रहेगा दहन का योग

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हर साल होली के पर्व का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस बार होलिका दहन पर भद्रा काल रहेगा। सनातन धर्म में भद्रा काल के दौरान शुभ और मांगलिक काम करना वर्जित है। ऐसे में शुभ मुहूर्त में होलिका दहन करना शुभ रहेगा।

होलिका दहन से 8 दिन पहले ही होलाष्टक की शुरुआत होती है। सनातन धर्म में इस अवधि को अशुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार होलाष्टक की शुरुआत 07 मार्च से हुई है। वहीं, इसका समापन होलिका दहन के साथ आज यानी 13 मार्च को होगा। वहीं, अगले दिन 14 मार्च को होली है। इस दिन चंद्र ग्रहण भी है।

होलिका दहन के दिन दान करना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, होलिका दहन के पूजा-अर्चना और दान करने से साधक को जीवन में सभी सुख मिलते हैं। इस बार होलिका दहन की डेट को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बन रही है। ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे कि होलिका दहन की सही डेट और होलिका दहन के शुभ मुहूर्त के बारे में।

होलिका दहन 2025

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से हो गई है। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में होलिका दहन आज यानी 13 मार्च को किया जाएगा और 14 मार्च को होली मनाई जाएगी। इस बार होली पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा में शुभ और मांगलिक करने से वह काम सफल नहीं होते हैं।

होलिका दहन भद्रा टाइम

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 13 मार्च को भद्रा सुबह 10 बजकर 35 मिनट से लेकर देर रात 11 बजकर 26 मिनट तक है। इसके बाद होलिका दहन किया जा सकता है।

होलिका दहन 2025 शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों के अनुसार, 13 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त देर रात 11 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक है। इस दौरान होलिका दहन किया जा सकता है।

पंचांग

सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 28 मिनट पर

चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 45 मिनट पर

चन्द्रास्त- 14 मार्च को 06 बजकर 30 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 56 मिनट से 05 बजकर 45 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 50 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक  

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें।

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