उत्तराखंड में पहाड़ चढ़ने वाले वाहन चालकों को देनी होगी परीक्षा, अन्य राज्यों से आने वाले सभी लोगों पर लागू होगा नियम
उत्तराखंड में पहली बार चारधाम यात्रा पर आने वाले अन्य राज्यों के व्यावसायिक वाहन चालकों को पहाड़ चढऩे से पहले वाहन चलाने की परीक्षा देनी होगी। इसमें पास होने पर ही उनके लाइसेंस में हिल एंडोर्समेंट (पर्वतीय मार्ग पर वाहन चलाने की अनुमति) किया जाएगा।
अभी तक अन्य राज्यों से आने वाले व्यावसायिक वाहन चालकों को हिल एंडोर्समेंट कराने के लिए परीक्षा देना जरूरी नहीं था। वे केवल आनलाइन आवेदन और फीस जमा करने के बाद हिल एंडोर्समेंट करा रहे थे। इससे अनुभवहीन चालक भी चारधाम यात्रा में वाहन संचालन कर रहे थे, जिसे सुरक्षित नहीं माना गया है।
राज्य में चारधाम यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में व्यावसायिक वाहनों का संचालन होता है। यात्रा पर जाने वाले व्यावसायिक वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी किए जाते हैं। इसके लिए वाहनों की फिटनेस व उसके कागजात देखे जाते हैं। सही पाए जाने पर इन्हें ग्रीन कार्ड जारी किया जाता है। बाहर से आने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए भी यही प्रक्रिया होती है, केवल उनके चालकों को अपने लाइसेंस में हिल एंडोरर्समेंट कराना होता है।
वाहन चालकों को देनी होगी परीक्षा
पूर्व में वाहन दुर्घटना होने की स्थिति में यह बात सामने आई कि नियमानुसार जिन चालकों ने अपने लाइसेंस में हिल एंडोर्समेंट नहीं कराया, उन वाहनों को दुर्घटना बीमा का भुगतान नहीं हो पाया। साथ ही ऐसे अनुभवहीन चालकों के वाहनों से दुर्घटना होने की आशंका भी बनी रहती है। इस क्रम में गत वर्ष हिल एंडोर्समेंट के लिए आनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई। अब इस प्रक्रिया को और सख्त किया जा रहा है। इसके तहत पहली बार यात्रा में आने वाले वाहन चालकों को हिल एंडोर्समेंट कराने के लिए परीक्षा देनी होगी।
यह परीक्षा ऋषिकेश व देहरादून के ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक पर ली जाएगी। परीक्षा पास करने वाले चालकों के लाइसेंस में ही हिल एंडोर्समेंट किया जाएगा। यद्यपि पूर्व में यदि किसी वाहन चालक के लाइसेंस में हिल एंडोर्समेंट है उसे यह परीक्षा देनी जरूरी नहीं होगा।
संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि हिल एंडोर्समेंट की प्रक्रिया को इस बार सख्त किया जा रहा है। इसके लिए इस बार परीक्षा की व्यवस्था की गई है। इससे पर्वतीय मार्गों पर दुर्घटनाओं व जाम आदि लगने की स्थिति पर अंकुश लग सकेगा।

