ब्रह्मपुरी आश्रम में श्री रामनवमी का अद्भुत समागम, भारतीय और विदेशी भक्तों ने मिलकर मनाया पर्व

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  • सनातन धर्म की पताका हमेशा  ऊँची रहनी चाहिए :जगद्गुरु द्वाराचार्य श्रीमद् जगतगुरु योगानंदाचार्य स्वामी दयाराम देवाचार्य महाराज 
  • सनातन है तो भारत वर्ष है, संत समाज है आम जन है : जगद्गुरु द्वाराचार्य श्रीमद् जगतगुरु योगानंदाचार्य स्वामी दयाराम देवाचार्य महाराज 
  • श्री राम सबके हैं उन्हूने सबको अपनाया है, वे प्रेरणा  है मनुष्य समाज के लिए : : जगद्गुरु द्वाराचार्य श्रीमद् जगतगुरु योगानंदाचार्य स्वामी दयाराम देवाचार्य महाराज 
  • अंतर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भक्ति संस्थान के सदस्यों  ने सुबह से ही मां गंगा किनारे   कीर्तन कर आश्रम का वातावरण भक्तिमय कर दिया 

मुनि की रेती :(मनोज रौतेला)- श्री रामनवमी पावन पर्व के शुभ अवसर पर रविवार को  श्री राम मंदिर तपस्थली ब्रह्मपुरी आश्रम में जगद्गुरु द्वाराचार्य श्रीमद् जगतगुरु योगानंदाचार्य स्वामी दयाराम देवाचार्य महाराज  एवं साधु संतों ने देश-विदेश से पधारे हुए भक्तों की उपस्थिति में भव्य दिव्य ढंग से मनाया गया.  अंतर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भक्ति संस्थान के सदस्य भक्त   मंडली ने प्रात:काल से मां गंगा के पावन तट पर भगवान्  श्रीराम के दरबार में महामंत्र का संगीतमय कीर्तन किया.   जिससे आश्रम का वातावरण भक्तिमय हो गया.   मध्यान्ह कल में भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया गया. महाराजश्री जी ने सत्संग प्रवचन में भगवान राम की महिमा का गुणगान किया.  श्री राम की महिमा समझायी. उसके बाद   सभी भक्तों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया.  इस अवसर पर अनेकों साधू, संतजन उपस्थित रहे.अखिल भारतीय सीताराम परिवार अध्यक्ष  सुशीला सेमवाल ने कहा आश्रम में आकर महाराजश्री के दर्शन कर शांति मिलती है. उनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है. वे पूज्यनीय संत हैं हमारे समाज में. हमेशा सनातन धर्म की बात करते हैं. सनातन धर्म के लिए काम करने की प्रेरणा देते हैं. ऐसे संतों का आशीर्वाद मिलना वाकेई हमारा सौभाग्य है. इस दौरान,  महामंडलेश्वर महावीर दास,  महामंडलेश्वर चक्रपाणि  महाराज, प्रमोद दास  महाराज, अखिल भारतीय सीताराम परिवार अध्यक्ष  सुशीला सेमवाल,    संरक्षक  रमाभल्लभ भट्ट, गौरव सेवक  जगदीश भट्ट,  घनश्याम नौटियाल,  सोनल सेमवाल (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ), रीना उनियाल,  योगेश उनियाल,  महामंत्री आचर्य  नितीश चंद्र खण्डूरी, गौरव कृष्ण दास, योगी वीर सिंह, योगी अंकित तोमर, रामदास,   राजेश गर्ग   एवं रूस, जर्मनी,  ब्राजील और  इंग्लैंड से आये हुए   विदेशी भक्तजन भी उपस्थित रहे.

।। राम ।।

राम नवमी सिर्फ़ एक धार्मिक त्यौहार नहीं है। यह भगवान राम के जीवन और उनके सर्वोच्च गुणों – साहस, भक्ति और धार्मिकता के अवतार का उत्सव है। यह त्यौहार हमें • अपने जीवन में इन गुणों पर विचार करने और ईमानदारी, करुणा और नैतिक शक्ति के साथ जीने का प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करता है।कहते हैं जिनके कर्म अच्छे होते हैं उन्हें दुनिया में अलग पहचान मिलती है, इंसान के अच्छे कर्म और अच्छा आचरण ही उन्हें औरों से अलग बनाता है. सनातन धर्म के आराध्य, पुरुषार्थ के प्रतीक, भगवान राम के चरित्र से कई गुण ऐसे हैं जिन्हें सीख कर हम अपना जीवन सफल बना सकते हैं. 14. साल तक वनवास काटने के बाद भी उन्होंने मर्यादा, दया, सत्य, करुणा और धर्म जैसे आचरण को नहीं त्यागा. जिसके कारण वे श्रेष्ठ राजा कहलाए. हम भी भगवान राम के चरित्र के 7 गुण अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें।

1. धैर्यवान श्रीराम-

भगवान राम के सात गुणों में सबसे अहम गुण है धैर्यवान या सहनशील होना. किसी भी चीज को जल्द ही पाने की ललक हर बार काम बिगाड़ सकती है. अगर आपके अंदर धैर्य और सहनशीलता है आ जाए तो यह आपको सफल बना सकता है.

2. दयालुता-

भगवान राम की तरह प्रत्येक व्यक्ति में मानव और पशु के लिए दयालुता का भाव होना चाहिए. ये गुण आपकी छवि में निखार लाता है.

3. नेतृत्व क्षमता-

भगवान राम एक राजा और कुशल प्रबंधक होते हुए भी सभी को साथ लेकर चले. उनके इसी गुण के कारण समुद्र में पत्थरों से सेतु का निर्माण कर पाना संभव हो सका.

4. आदर्श भाई-

भाई बहनों के बीच नोंक झोंक होना एक सामान्य बात है. लड़ाई झगड़े के बाद भी भाई बहन के बीच आपसी प्रेम बना रहे, यह गुण भगवान राम से सीखना चाहिए. उनका अपने भाइयों के प्रति समर्पण और त्याग उन्हें आदर्श भाई बनाता है.

5. मित्रता का गुण-

सभी को भगवान राम से मित्रता का गुण अपनाना चाहिए. क्योंकि भगवान राम ने मित्रता का रिश्ता भी पूरे दिल से निभाया था. उनके परम मित्र थे केवट, सुग्रीव, निषादराज और विभीषण. मित्रता निभाने के लिए भगवान राम ने खुद कई बार संकट झेले.

6. दृढ़प्रतिज्ञ-

भगवान राम का दृढ़ प्रतिज्ञ गुण सभी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए. जो व्यक्ति मजबूत हौंसले वाला होता है वह अपने जीवन में हमेशा सफलता अर्जित करता है.

7. सदाचारी-

भगवान राम की तरह प्रत्येक व्यक्ति को सदाचारी होना चाहिए. उन्हें अच्छे आचरण की वजह से ही मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है. आपका अच्छा व्यवहार और आचरण ही आपको सफलता के रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद करता है.

सभी देशवासियों को राम नवमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रभु श्री राम का आशीर्वाद आप सब पर बना रहे और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आए। श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः ! लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्

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