उत्तराखंड के आसन वेटलैंड में विदेशी मेहमानों की आमद, 1200 से अधिक प्रवासी पक्षी पहुंचे
देहरादून : उत्तराखंड के प्रसिद्ध आसन वेटलैंड एक बार फिर प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट से गुलजार हो उठा है। सर्दी की दस्तक के साथ ही अब तक यहां गैडवाल, यूरेशियन विजन सहित सात प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों का आगमन हो चुका है। इन विदेशी मेहमानों की आमद से झील में पक्षियों की कुल संख्या लगभग 1200 तक पहुंच गई है, जिससे पक्षी प्रेमियों और पर्यटकों में उत्साह का माहौल है।
राज्य की पहली रामसर साइट के रूप में प्रसिद्ध आसन वेटलैंड हर साल नवंबर से मार्च के बीच हजारों प्रवासी पक्षियों का आश्रय स्थल बनता है। यह स्थल हिमालय की तलहटी में यमुना और आसन नदियों के संगम पर स्थित है, जो पक्षियों को पर्याप्त जल, भोजन और सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष मौसम अनुकूल रहने और जलस्तर स्थिर बने रहने से प्रवासी पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है। विभाग ने पक्षियों की सुरक्षा के लिए विशेष निगरानी दल तैनात किए हैं। झील क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है ताकि कोई भी शिकारी या अवैध गतिविधि इन दुर्लभ प्रजातियों को नुकसान न पहुंचा सके।
वन अधिकारी ने बताया कि आसन झील में हर वर्ष यूरोप, मध्य एशिया और साइबेरिया से आने वाले प्रवासी पक्षी शीतकाल व्यतीत करते हैं। इन पक्षियों में गैडवाल, कॉमन पचर्ड, टफ्टेड डक, यूरेशियन विजन, पिंटेल और शॉवेलर जैसी प्रजातियां शामिल हैं। कुछ प्रजातियां यहां घोंसले बनाकर अंडे भी देती हैं, जो वेटलैंड के समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है।
पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि आसन वेटलैंड न केवल पक्षियों का सुरक्षित घर है, बल्कि यह राज्य के पर्यावरणीय संतुलन और पर्यटन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। हर साल हजारों पक्षी प्रेमी और फोटोग्राफर यहां पहुंचकर इन सुंदर पंखों वाले मेहमानों को कैमरे में कैद करते हैं।
वन विभाग ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वे इन प्रवासी पक्षियों को परेशान न करें और क्षेत्र की स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करें। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे तापमान और घटेगा, वेटलैंड में और भी प्रजातियों के पहुंचने की संभावना है।
