Kedarnath Ropeway: रोपवे परियोजनाओं को अब तेजी से लगेंगे पंख, नई ऊंचाईयों को छूएगा उत्तराखंड
केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण को केंद्र सरकार द्वारा धनराशि स्वीकृत किए जाने के बाद अब विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड में रोपवे परियोजनाओं को पंख लगेंगे।
पर्यटन एवं तीर्थाटन की दृष्टि से राज्य के अन्य क्षेत्रों में रोपवे बनने पर स्थानीय निवासियों का आवागमन भी आसान होगा। साथ ही राज्य की आर्थिकी सशक्त होगी।
केंद्र को भेजे गए थे 10 से अधिक रोपवे के प्रस्ताव
उत्तराखंड में रोपवे कनेक्टिविटी को लेकर केंद्र सरकार भी जोर दे रही है। इसी क्रम में राज्य की ओर से पूर्व में केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, यमुनोत्री, खलियाटाप, औली-गोरसौं, ठुलीगाड-पूर्णागिरी समेत 10 से अधिक रोपवे के प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए थे। इनमें से केदारनाथ व हेमकुंड साहिब रोपवे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 अक्टूबर 2022 को केदारनाथ-बदरीनाथ यात्रा के दौरान किया था।
इन रोपवे के लिए अब 6811 करोड़ रुपये की केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी है। यह संयोग ही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तराखंड यात्रा से एक दिन पहले केंद्र ने यह स्वीकृति प्रदान की है। अब उम्मीद जगी है कि राज्य की अन्य रोपवे परियोजनाओं के लिए भी केंद्र सरकार मंजूरी देगी। रोपवे के निर्माण से राज्य में आने वाले सैलानी नए अनुभव का अहसास करेंगे।
पर्यटन-तीर्थाटन के साथ ही क्षेत्रीय विकास के लिए गेम चेंजर
न केवल रोपवे, बल्कि केंद्र सरकार के संबल से चल रही तमाम परियोजनाओं के बूते उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाईयों को छूने की ओर अग्रसर है।
चारधाम को जोडऩे वाली आल वेदर रोड परियोजना की बात करें या फिर पहाड़ों में रेल पहुंचाने के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की, ये पर्यटन-तीर्थाटन के साथ ही क्षेत्रीय विकास के लिए गेम चेंजर साबित होने वाली हैं।
इसके अलावा केंद्रीय सड़क निधि से बड़ी संख्या में राज्य की सड़कों को संवारा जा रहा है तो ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क सुविधा मुहैया कराने में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इसके अलावा हवाई कनेक्टिविटी, ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर को नल से जल मुहैया कराने को जल जीवन मिशन, शहरों की सूरत संवारने के लिए बाह्य सहायतित परियोजनाओं को मंजूरी समेत अन्य कई क्षेत्रों में केंद्र सरकार उत्तराखंड को भरपूर मदद कर रही है।

