कौन-से काम आचार संहिता लागू होने के बाद भी नहीं रुकेंगे जानिए..
लोकसभा चुनाव का ऐलान होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। आम जनता को इस विषय पर काफी संदेह रहता है कि हमारे कौन से काम होंगे और कौन से काम नहीं होंगे। आइये इस लेख में आपको इन्हीं कुछ कामों को बताते है……
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी आप अपनी पेंशन बनवाने के लिए सरकारी कार्यालय जा सकते हैं। कोई भी अधिकारी इसके लिए मना नहीं कर सकता है। वहीं, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र बनाने क काम भी इस दौरान जारी रहेगा. बिजली-पानी, साफ-सफाई से जुड़े काम सुचारू तौर पर होते रहेंगे। वहीं, आप इलाज के लिए आर्थिक सहयोग लेने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र रहेंगे। प्रशासन को सड़कों की मरम्मत का काम जारी रखना होगा। इसके अलावा किसी भी चालू परियोजना पर रोक नहीं लगेगी। आचार संहिता का बहाना बनाकर कोई अधिकारी आपके ये जरूरी काम नहीं टाल सकता है। अगर आपने मकान के नक्शे के लिए पहले ही आवेदन दे दिया है तो वो पास होगा। हालांकि, इसके लिए नए आवेदन नहीं लिए जाएंगे.
आदर्श आचार संहिता में कौन से काम रहेंगे पूरी तरह बंद-चुनावों की तारीख का ऐलान होने और आचार संहिता लागू होते ही कोई भी नेता या अधिकारी सार्वजनिक उद्घाटन या शिलान्यास नहीं कर सकता है। इसके साथ ही नए कामों की स्वीकृति भी नहीं दी जा सकेगी. जिन क्षेत्रों में आचार संहिता लागू होगी, वहां सरकार की उपलब्धियों के होर्डिंग्स नहीं लगेंगे. वहीं, पहले से लगे होर्डिंग्स हटा दिए जाएंगे। संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में शासकीय दौरे नहीं होंगे. सरकारी वाहनों में सायरन नहीं लगाए जाएंगे। सरकारी भवनों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री और राजनीतिक हस्तियों के फोटो लगाने पर रोक रहेगी. कोई भी व्यक्ति या नेता सरकार की उपलब्धियों वाले विज्ञापन प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और दूसरे मीडिया में नहीं दे सकेगा। इस दौरान आम लोग भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने समय सावधानी बरते। आपकी एक पोस्ट आपको जेल भेजने के लिए काफी है। कोई भी मैसेज शेयर करने या लिखने से पहले आचार संहिता के नियम पढ़ लें।
उम्मीदवार-पार्टियों के लिए नियम, कब हो सकती है जेल– ऐसे नियम चुनाव आयोग ने बनाए है जिसको पार्टीज और उम्मीदवार नहीं फॉलो करेंगे तो उनको हो सकती है जेल ।लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार मतदाताओं को लुभाने वाली कोई भी घोषणा नहीं कर सकती है। राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। बता दें कि आचार संहिता चुनाव आयोग के बनाए नियम हैं, जिनका पालन हर पार्टी और हर प्रत्याशी को करना जरूरी होता है। इनका उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। प्रत्याशी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है। fir दर्ज करवाने के बाद उम्मीदवार को जेल भी भेजा जा सकता है।