स्वदेशी उत्पादों से मातृशक्ति को नई पहचान: राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल
पौड़ी गढ़वाल : उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा और महिला उद्यमिता के विस्तार से प्रदेश की मातृशक्ति के हुनर को नई राष्ट्रीय पहचान मिल रही है। वह शनिवार को आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के अंतर्गत श्रीनगर के होटल प्राची में आयोजित महिला सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं। कार्यक्रम में शामिल बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रेरित करते हुए कण्डवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण, स्वावलंबन तथा आत्मनिर्भरता से जुड़ी योजनाओं ने समाज में सकारात्मक परिवर्तन की गति तेज की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाएँ आज नए उत्तराखंड और नए भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

सम्मेलन के दौरान महिलाओं द्वारा स्थापित स्वदेशी उत्पादों के स्टालों का निरीक्षण किया गया। आयोग की अध्यक्ष ने इन उत्पादों की गुणवत्ता, परंपरागत कौशल और महिलाओं की मेहनत की सराहना करते हुए उन्हें स्वरोज़गार तथा आत्मनिर्भरता की दिशा में और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ की महिलाओं में अपार क्षमता है, जिसे प्लेटफ़ॉर्म और प्रोत्साहन मिलते ही यह राष्ट्रीय स्तर पर नए आयाम स्थापित कर सकती हैं।अपने संबोधन में कण्डवाल ने महिलाओं को कानूनी अधिकारों, घरेलू हिंसा निरोधक अधिनियम, महिला सुरक्षा कानूनों, हेल्पलाइन नंबरों तथा आयोग द्वारा उपलब्ध निःशुल्क सहायता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि किसी भी प्रकार की हिंसा, उत्पीड़न या भेदभाव की स्थिति में वे डरें नहीं, बल्कि आगे आकर अपनी बात रखें। आयोग हमेशा पीड़ित महिलाओं के साथ खड़ा है।
सम्मेलन में वक्ताओं ने वोकल फ़ॉर लोकल, कौशल विकास, समूह आधारित आजीविका, महिला नेतृत्व क्षमता बढ़ाने और उद्यमिता से संबंधित योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। महिला उद्यमियों द्वारा साझा किए गए अनुभवों और उपलब्धियों ने उपस्थित मातृशक्ति में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार किया।कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष कमल किशोर रावत, जिला प्रभारी नेहा शर्मा, जिला महामंत्री महिला मोर्चा बीना असवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष सुषमा रावत, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा बीना गैरौला सहित बड़ी संख्या में महिलाएँ उपस्थित रहीं।

यह सम्मेलन आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती देने के साथ-साथ प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और कानूनी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
