विंध्याचल धाम में पंडा समाज ने उठाए बड़े कदम, श्रद्धालुओं को मिलेगी सुरक्षित और व्यवस्थित सेवा

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वाराणसी / विंध्याचल: माँ विंध्यवासिनी धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पंडा समाज ने महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम उठाए हैं। मंदिर परिसर में बढ़ती भीड़ और विभिन्न अनियमितताओं की शिकायतों को देखते हुए समाज ने एक नई अनुशासनात्मक व्यवस्था लागू की है, जिसमें फर्जी तीर्थ-पुरोहिती, अवैध चंदन-टीका व भिक्षाटन पर कड़ी रोक लगा दी गई है।

जानकारी के अनुसार, धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को लंबे समय से विभिन्न अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ता था। कई स्थानों पर असंगठित पुरोहित, मनमर्जी से चंदा वसूली तथा अवैध चंदन-टीका लगाने की गतिविधियों की शिकायतें मिलती थीं। इन समस्याओं के समाधान के लिए पंडा समाज ने सामूहिक निर्णय लेते हुए नई ड्यूटी व्यवस्था लागू की है।

नई व्यवस्था के तहत पुरोहितों की अलग-अलग टीमों को मंदिर परिसर और मुख्य मार्गों पर तैनात किया गया है। ताकि कोई भी फर्जी तीर्थ,पुरोहित श्रद्धालुओं को गुमराह न कर सके और न ही किसी प्रकार की अवैध मांग की जाए।

समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने बताया कि मां विंध्यवासिनी के दरबार में आने वाले हर श्रद्धालु को सुरक्षित, सरल और व्यवस्थित दर्शन कराना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसलिए प्रत्येक टीम को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि विवाद, अवैध वसूली या किसी भी असुविधा की स्थिति में तुरंत हस्तक्षेप कर समाधान किया जाए।

पंडा समाज ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति अवैध चंदन-टीका, जबरन चंदा वसूली या किसी प्रकार की परेशान करने वाली गतिविधि करता दिखाई दे, तो उसकी सूचना तुरंत ड्यूटी पर मौजूद पुरोहित टीम को दें। साथ ही कहा गया है कि व्यवस्थाओं के सुचारु संचालन के लिए समाज निरंतर निगरानी रखेगा और जरूरत पड़ने पर आगे और भी कदम उठाए जाएंगे।

माँ विंध्यवासिनी धाम में लागू की गई यह नई व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए काफी राहत दायक साबित होने की उम्मीद है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे न केवल अनैतिक गतिविधियों पर रोक लगेगी, बल्कि धाम की गरिमा व पवित्रता भी बनी रहेगी।

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