Chardham Yatra: बदरीनाथ में तीर्थयात्रियों को जाम से मिलेगी राहत, फास्टैग से लिया जाएगा इको पर्यटक शुल्क

Chardham Yatra 2025: नगर पंचायत की ओर से बदरीनाथ के शुरुआत में स्थित देवदर्शनी नामक स्थान पर यात्रा वाहनाें से इको पर्यटक शुल्क लिया जाता है। अभी तक नगर पंचायत के कर्मचारी क्यूआर कोड और कैस के माध्यम से शुल्क लेते थे।
चारधाम यात्रा के दौरान इस वर्ष बदरीनाथ धाम में इको पर्यटक शुल्क फास्टैग से लिया जाएगा। इस व्यवस्था से धाम में जाम से मुक्ति मिल जाएगी। नगर पंचायत बदरीनाथ इसकी व्यवस्था करने में जुटा हुआ है। बदरीनाथ धाम में यात्रा के दौरान 1000 से अधिक छोटे-बड़े वाहन पहुंचते हैं।
नगर पंचायत की ओर से बदरीनाथ के शुरुआत में स्थित देवदर्शनी नामक स्थान पर यात्रा वाहनाें से इको पर्यटक शुल्क लिया जाता है। अभी तक नगर पंचायत के कर्मचारी क्यूआर कोड और कैस के माध्यम से शुल्क लेते थे। इसमें समय लग जाता है, जिससे वाहनों का जाम लग जाता है। जब वाहनों की आवाजाही अधिक हो जाती है तो जाम को खुलवाने में पुलिस के पसीने छूट जाते हैं। इस व्यवस्था को बदलने के लिए नगर पंचायत फास्टैग से शुल्क वसूलने की योजना बना रहा है।
इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बताया कि बदरीनाथ धाम में बस से 100 रुपये और छोटे वाहनाें से 70 रुपये इको पर्यटक शुल्क के रूप में लिया जाता है। इस बार से बदरीनाथ के शुरुआत में ही फास्टैग की व्यवस्था की जा रही है। इससे यहां वाहनों का जाम नहीं लगेगा। ज्योतिर्मठ के एसडीएम/प्राधिकारी अधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि इको पर्यटक शुल्क फास्टैग से लिया जाएगा। इसकी टेंडर प्रक्रिया गतिमान है। चारधाम यात्रा शुरू होने तक इसे चालू कर लिया जाएगा।
हेलीकॉप्टर कंपनियों से मैनुअल लिया जाएगा शुल्क
बदरीनाथ धाम में संचालित होने वाले हेलीकॉप्टर की कंपनियों से इको पर्यटक शुल्क मैनुअली लिया जाएगा। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बताया कि यात्राकाल में बदरीनाथ में विभिन्न कंपनियों के हेलीकाॅप्टर भी उड़ान भरते हैं। प्रति हेलिकॉप्टर 1000 रुपये इको पर्यटक शुल्क लिया जाएगा। इस बार भी हेलीकॉप्टर कंपनियाें से शुल्क लेने का तरीका मैनुअल होगा
पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियां होंगी संचालित
बदरीनाथ धाम में यात्र वाहनों से लिए जाने वाले इको पर्यटक शुल्क से धाम क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियां संचालित की जाती हैं। धाम में यात्राकाल में टनों कूड़ा एकत्रित होता है। इसके अलावा बदरीनाथ मंदिर क्षेत्र में भी कूड़ा प्रबंधन किया जाता है। इसके अलावा देश के प्रथम गांव माणा में भी इको पर्यटक शुल्क से पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियां संचालित की जाती हैं।

