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ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में शुक्रवार को विशेष 5.0 अभियान के अंतर्गत “एक पेड़ मां के नाम” थीम पर एक भव्य और प्रेरणादायक पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि मातृत्व के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता का भी प्रतीक है।

कार्यक्रम में एम्स की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह, डीन अकादमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी और चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर बी. सत्याश्री ने संस्थान परिसर के बी व सी ब्लॉक क्षेत्र (रोगी कैंटीन के समीपवर्ती बाहरी क्षेत्र) में औषधीय व धार्मिक महत्व के पौधों का रोपण किया। इस दौरान परिसर में हरियाली बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी दिया गया।

संस्थान की निदेशक डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि यह अभियान माताओं के प्रति एक जीवंत श्रद्धांजलि है। उन्होंने बताया कि पौधरोपण केवल पर्यावरणीय पहल नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और स्वच्छ भविष्य की दिशा में सार्थक प्रयास है। उन्होंने कहा कि “एक पेड़ मां के नाम” जैसी पहल मातृत्व की ममता और धरती मां के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक है।

इस मौके पर डीन अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने कहा कि पौधे हमारी जीवनरेखा हैं। ऐसे औषधीय पौधे न केवल पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हैं, बल्कि चिकित्सा दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी होते हैं। उन्होंने एम्स परिसर में चल रहे स्वच्छता और हरियाली अभियान को सराहनीय बताते हुए सभी को इसमें सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।

चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्याश्री ने कहा कि यह अभियान एम्स के हरित आवरण को बढ़ाने में तो योगदान देगा ही, साथ ही स्वच्छता, स्थिरता और सामुदायिक भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से एम्स ऋषिकेश पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता की दिशा में भी निरंतर कार्य कर रहा है।

संस्थान प्रशासन ने बताया कि इस पहल के तहत परिसर में तुलसी, बेलपत्र, नीम, आंवला, अशोक, पीपल और हरसिंगार जैसे औषधीय और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पौधों का रोपण किया गया। इन पौधों का चयन उनके औषधीय गुणों और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए किया गया है, ताकि यह अभियान स्वास्थ्य, संस्कृति और प्रकृति के संतुलन का संदेश दे सके।

अभियान का उद्देश्य केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं, बल्कि लोगों में प्रकृति से जुड़ाव, जिम्मेदारी और पर्यावरणीय चेतना को बढ़ाना भी है। इस अभियान के माध्यम से एम्स ने यह स्पष्ट किया कि संस्थान न केवल चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय उत्तरदायित्वों को भी गंभीरता से निभा रहा है।

इस अवसर पर प्रोफेसर (डॉ.) राजिंदर सिंह, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पूजा भदौरिया, सी.एन.ओ डॉ. अनीता रानी कंसल, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ले. कर्नल राजेश जुयाल सहित एम्स के वरिष्ठ अधिकारी, चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारी और कर्मचारीगण भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभी ने अपने हाथों से पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी अधिकारियों ने संकल्प लिया कि वे इन पौधों की नियमित देखभाल करेंगे और समाज में हरित जीवनशैली अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे।

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