सवा तीन साल में उत्तराखंड का 13वां दौरा, अब शीतकालीन यात्रा को नए आयाम देंगे पीएम मोदी

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देवभूमि उत्तराखंड से विशेष अनुराग रखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को गंगोत्रीधाम के शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा आ रहे हैं। वह मां गंगा की पूजा-अर्चना के साथ ही हर्षिल में जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड का यह 13वां दौरा

पिछले सवा तीन साल में प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड का यह 13वां दौरा है। उनके मुखवा व हर्षिल के दौरे को राज्य की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ ही शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री के इन स्थलों का दौरा करने से स्वाभाविक रूप से शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग होगी।

पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड में धामी सरकार ने इस बार शीतकालीन यात्रा की भी शुरुआत की है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें राज्य में चल रही शीतकालीन यात्रा और इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी दी थी।

साथ ही प्रधानमंत्री से चारधाम के किसी शीतकालीन गद्दीस्थल अथवा पर्यटक स्थल की यात्रा का अनुरोध किया था। प्रधानमंत्री ने इसे सहर्ष स्वीकार किया। अब वह गुरुवार को मुखवा व हर्षिल के दौरे पर आ रहे हैं।

28 जनवरी को देहरादून में किया था राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी के लिए उत्तराखंड कितना खास है, यह उनके राज्य के दौरों से भी परिलक्षित होता है। पांच नवंबर 2021 को केदारनाथ धाम में विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के लोकार्पण से लेकर 28 जनवरी 2025 तक वह 12 बार उत्तराखंड की यात्रा पर आ चुके थे।

28 जनवरी को उन्होंने देहरादून में राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन किया था। अब उनकी मुखवा व हर्षिल यात्रा यह दर्शाती है कि उत्तराखंड उनकी प्राथमिकता में है और वह इस राज्य को विकास और आध्यात्मिकता का केंद्र बनाने को प्रतिबद्ध हैं।

यही नहीं, राज्य में सड़क, रेल, हवाई कनेक्टिविटी को बेहतर करने पर सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है। इसमें केंद्र सरकार भरपूर मदद कर रही है। अब पर्वतमाला परियोजना के तहत राज्य में रोपवे परियोजनाओं के परवान चढऩे का मार्ग प्रशस्त हुआ है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी, अपनी गुरुवार की मुखवा व हर्षिल यात्रा के दौरान भी राज्य को कुछ सौगात दे सकते हैं।

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