श्रीनगर को काशी की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी, रेलवे विस्तार को भी मिलेगी रफ्तार

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श्रीनगर : उत्तराखंड सरकार ने अलकनंदा तट पर बसे श्रीनगर शहर को काशी मॉडल पर विकसित करने की बड़ी योजना तैयार की है। इस ambitious परियोजना के तहत शहर के धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व को आधुनिक बुनियादी ढाँचे के साथ जोड़ते हुए व्यापक रूप से संवारा जाएगा। सरकार का दावा है कि इससे क्षेत्रीय विकास की गति कई गुना बढ़ेगी और आने वाले वर्षों में शहर एक प्रमुख आध्यात्मिक एवं पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा।

सरकार की तैयारी के मुताबिक, श्रीनगर के पुराने घाटों, मंदिरों, धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक संरचनाओं को काशी की तरह व्यवस्थित, सुंदर और आकर्षक रूप दिया जाएगा। शहर की मुख्य सड़कें, गलियां और बाज़ार नए सिरे से विकसित किए जाएंगे, जिससे यात्रा और यातायात सुगम हो सके। स्थानीय प्रशासन को सभी विकास कार्यों के लिए समयबद्ध कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

इस परिवर्तनकारी योजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है रेलवे नेटवर्क का विस्तार। केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही श्रीनगर तक रेलवे लाइन बढ़ाने और उससे जुड़े ढांचागत कार्यों के लिए विशेष बजट जारी किया जाएगा। प्रस्तावित रेलवे एक्सटेंशन से कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा, जिससे तीर्थयात्रियों, छात्रों व स्थानीय निवासियों को सीधी और तेज परिवहन सुविधा मिल सकेगी।

यही नहीं, रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण, नए फुटओवर ब्रिज, विस्तृत प्लेटफॉर्म, एस्केलेटर, पार्किंग एरिया और यात्री सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि बजट जारी होते ही इन परियोजनाओं पर काम और तेज गति से आगे बढ़ेगा।

पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधाएं और काशी मॉडल का विकास श्रीनगर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों तक ले जाएगा। इससे होटल व्यवसाय, ट्रैवल सर्विसेज, स्थानीय उत्पाद बाजार और छोटे व्यापारियों को बड़ा लाभ मिलेगा। साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यह परियोजना श्रीनगर शहर को आधुनिकता और परंपरा का अनूठा संगम बनाएगी। सरकार को उम्मीद है कि यह मॉडल पूरे गढ़वाल क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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