यमकेश्वर क्षेत्र को पर्यटन हब बनाने की तैयारी तेज, बुनियादी ढांचे से लेकर धार्मिक पर्यटन तक व्यापक विकास योजनाओं पर काम शुरू

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यमकेश्वर : यमकेश्वर क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में सरकार ने गंभीर पहल शुरू कर दी है। क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक आस्था, एडवेंचर पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को जोड़ते हुए एक समग्र पर्यटन मॉडल तैयार किया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों के साथ पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में योजनाओं के विस्तार पर विस्तृत चर्चा की गई।अधिकारियों के अनुसार, यमकेश्वर की भौगोलिक स्थिति और आध्यात्मिक वातावरण इस क्षेत्र को विशेष बनाते हैं, जिसे अब व्यवस्थित रूप से राज्य के प्रमुख पर्यटन सर्किट में शामिल किया जाएगा। इस दिशा में सड़क संपर्क, पार्किंग, होमस्टे, हेरिटेज ट्रेल्स और एडवेंचर रूट्स को मजबूत करने की योजना है।

स्थानीय लोगों ने भी लंबे समय से इस क्षेत्र के विकास की मांग उठाई थी। बैठक में बताया गया कि यमकेश्वर में धार्मिक स्थलों के संरक्षण, ट्रेकिंग मार्गों के उन्नयन, स्थानीय उत्पादों के प्रमोशन और गढ़वाली संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विशेष बजट की व्यवस्था की जा रही है। क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएं, इको-फ्रेंडली टूरिज्म मॉडल और सुरक्षा प्रोटोकॉल विकसित किए जाएंगे। परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि योजनाओं के मूर्त रूप लेने से यहां रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। स्थानीय युवाओं को होमस्टे, गाइडिंग, साहसिक गतिविधियों और पारंपरिक उत्पादों के विपणन में बड़ी भूमिका मिलेगी।

इस अवसर पर हेमंत द्विवेदी ने कहा कि यमकेश्वर केवल प्राकृतिक और धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण धरोहर है। “सरकार का उद्देश्य है कि यह क्षेत्र उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन गंतव्यों की श्रेणी में आए। स्थानीय लोगों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा,” उन्होंने कहा। पर्यटन विभाग ने आश्वासन दिया है कि सभी विकास कार्य समयबद्ध ढंग से पूरे किए जाएंगे। आने वाले समय में यमकेश्वर में पर्यटन गतिविधियों का दायरा बढ़ेगा, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलने की उम्मीद है।

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