अयोध्या में आज राम मंदिर शिखर पर प्रधानमंत्री मोदी करेंगे ध्वजारोहण
उत्तर प्रदेश : अयोध्या नगरी एक बार फिर सनातन आस्था के चरम वैभव की गवाही देने को तैयार है। दिव्य-भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर आज राष्ट्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा। यह ऐतिहासिक क्षण न केवल मंदिर निर्माण की निरंतर प्रगति का प्रतीक बनेगा, बल्कि उन लाखों श्रद्धालुओं की भावनाओं का भी उत्सव होगा, जिन्होंने वर्षों से इस दिवस की प्रतीक्षा की है।
राम मंदिर निर्माण की यात्रा कई ऐतिहासिक पड़ावों से होकर गुजरी है। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय ने वर्षों पुराने विवाद पर विराम लगाया। इसके बाद 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण की औपचारिक शुरुआत की। 22 जनवरी 2024 को रामलला विराजमान की प्राण प्रतिष्ठा ने पूरे राष्ट्र में अभूतपूर्व उल्लास का वातावरण बनाया।

और आज, 25 नवंबर 2025 की यह तिथि भी उसी गौरवशाली पथ में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होने जा रही है। मंदिर के मुख्य शिखर पर होने वाला ध्वजारोहण सनातन धर्म की आध्यात्मिक धारा, सांस्कृतिक चेतना और भारतीय सभ्यता के अक्षुण्ण अस्तित्व का भव्य प्रतीक बनेगा।
नगर के कोने-कोने को विशेष रूप से सजाया गया है। दीपों, पुष्पों और भगवा ध्वजों से सुसज्जित अयोध्या ऐसा प्रतीत होता है मानो स्वयं आनंद से आलोकित हो उठी हो। श्रद्धालुओं का सैलाब रामलला के दर्शन हेतु उमड़ पड़ा है। सुरक्षा के कड़े इंतज़ामों के बीच स्थानीय प्रशासन सतत निगरानी में जुटा है।
मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार, वायु में घुलती चंदन की सुगंध और घंटा-घड़ियाल की धुनें इस आयोजन को दिव्य आयाम प्रदान कर रही हैं। राम भक्तों में यह विश्वास भी प्रबल है कि यह ध्वजारोहण आने वाली पीढ़ियों को भी धर्म, संस्कृति और राष्ट्रहित के प्रति प्रेरित करेगा।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। इसके उपरांत मंदिर शिखर पर ध्वज चढ़ाया जाएगा, जिसे विशेष रूप से काशी और अयोध्या के कारीगरों ने मंत्रोच्चार की पवित्रता के बीच तैयार किया है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में राम मंदिर आंदोलन की ऐतिहासिक यात्रा, भारतीय संस्कृति के मूल्यों और ‘विश्व कल्याण’ की भावना को भी रेखांकित करेंगे।
अयोध्या का यह पल सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना का महोत्सव है। यह कार्यक्रम एक बार फिर यह संदेश देता है कि राम के आदर्श केवल आस्था का आधार नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा भी हैं। आज का यह ध्वजारोहण सनातन धर्मियों के लिए गौरव, भावनाओं और आस्था का संगम बनेगा और आने वाले समय में इसे भारत के आध्यात्मिक इतिहास के स्वर्णिम पर्व के रूप में याद किया जाएगा।
