व्यावसायिक वाहनों के टैक्स को 10 प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी, शासन को भेजा प्रस्ताव

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परिवहन विभाग व्यावसायिक वाहनों के टैक्स में अब 10 प्रतिशत वृद्धि करने की तैयारी कर रहा है। कारण यह कि वाहनों के टैक्स में हर वर्ष पांच प्रतिशत बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया था, लेकिन वर्ष 2020 से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। इसे देखते हुए इस वर्ष 10 प्रतिशत और फिर आने वाले वर्षों में व्यवस्था के अनुसार पांच प्रतिशत टैक्स बढ़ाने की तैयारी है।

परिवहन विभाग के लिए राजस्व का सबसे बड़ा जरिया वाहनों से मिलने वाला टैक्स है। निजी वाहनों से सरकार पंजीकरण के दौरान ही एकमुश्त 15 वर्ष का टैक्स ले लेती है, लेकिन व्यावसायिक वाहनों के साथ ऐसा नहीं है। व्यावसायिक वाहनों में तिपहिया व इलेक्ट्रिक वाहनों से सालाना टैक्स लिया जाता है।

अन्य वाहन अपनी सुविधा के अनुसार मासिक, त्रैमासिक अथवा छह माह में टैक्स जमा करते हैं। मौजूदा बाजार दर के अनुसार विभाग को टैक्स मिले, इसके लिए यह निर्णय लिया गया था कि वाहनों के टैक्स में हर वर्ष पांच प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।

कोरोना के बाद टैक्स तो लिया गया, लेकिन इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई

वर्ष 2020 में कोरोना के बाद टैक्स तो लिया गया, लेकिन इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। जब परिवहन विभाग का राजस्व कम हुआ, तब यह बात सामने आई कि टैक्स का निश्चित प्रतिशत न बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने शासन को टैक्स वृद्धि के संबंध में प्रस्ताव भेजा, जिस पर वित्त विभाग की सहमति मिल चुकी है। जल्द ही यह विषय कैबिनेट के सम्मुख लाने की तैयारी है।