उत्तरकाशी में पत्रकार की संदिग्ध मौत, धमकियों के बाद 10 दिन लापता रहे थे राजीव प्रताप सिंह

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले से 10 दिन पहले लापता हुए पत्रकार राजीव प्रताप सिंह का शव रविवार को बरामद हुआ। उनकी मौत ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। परिजनों का आरोप है कि राजीव को धमकियां मिल रही थीं, वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताते हुए सख्त जांच के आदेश दिए हैं।
रहस्यमयी हालात में मिले
राजीव प्रताप सिंह 10 दिन पहले अचानक लापता हो गए थे। परिजन और साथी लगातार उनकी तलाश कर रहे थे। रविवार को उनका शव मिलने से परिवार और स्थानीय पत्रकार समुदाय सदमे में है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है ताकि मौत के कारणों का पता चल सके।
बेबाक पत्रकारिता से थे चर्चित
राजीव प्रताप सिंह सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बेबाक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते थे। हाल ही में उन्होंने उत्तरकाशी जिला अस्पताल की बदहाल स्थिति पर एक वीडियो रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दीवारों में दरारें, दवाओं की कमी और मरीजों की समस्याओं को उजागर किया गया था। इस रिपोर्ट के बाद उन्हें कथित तौर पर धमकियां भी मिली थीं।
सीएम धामी का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकार की संदिग्ध मौत पर गहरा शोक जताया। उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और पूरे मामले की गहन व निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
जांच जारी
उत्तरकाशी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल हर पहलू पर पड़ताल की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वास्तविक वजह सामने आएगी।
पत्रकार सुरक्षा पर सवाल
राजीव प्रताप सिंह की मौत ने राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय पत्रकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से तुरंत न्याय और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
