ऋषिकेश : हिमांशु जाटव बने छात्र संघ अध्यक्ष, ABVP फिर चूकी

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ऋषिकेश: छात्र संघ चुनाव में देर शाम परिणाम आने के बाद हिमांशु जाटव जो कि निर्दलीय प्रत्याशी थे और एनएसयूआई की बागी प्रत्याशी उनको एनएसयूआई ने टिकट नहीं दिया था उन्होंने जीत दर्ज की है।


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) जो कि भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई है उसको एक बार फिर से हार का सामना करना पड़ा है। पिछले वर्ष भी NSUI समर्थित महिला प्रत्याशी छात्र संघ अध्यक्ष के पद पर जीती थी। इस बार भी कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI के बागी प्रत्याशी हिमांशु जाटव ने जीत दर्ज की है और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को दूसरी बार ऋषिकेश में हार का सामना करना पड़ा है।

निर्दलीय हिमांशु जाटव को अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित घोषित किया गया है। उनको 765 मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी रोहित नेगी को 625 व अनिरुद्ध शर्मा को 564 मतों पर संतोष करना पड़ा। उपाध्यक्ष पद पर निहारिका को विजयी घोषित किया गया, निहारिका को 884 जबकि उनके प्रतिद्वंदी संजना कुड़ियल को 861 तथा अमीषा खत्री को मात्र 189 मत प्राप्त हुए। सचिव पद पर माघवेंद्र मिश्र विजय घोषित किए गए उन्हें 1318 जबकि उनके प्रतिद्वंदी अनुज को मात्र 621 वोट पड़े। सह सचिव पद पर राहुल गौतम विजय घोषित किया गया है। उन्हें 1349 मत वोट पड़े जबकि उनके प्रतिद्वंदी सोनू शाह को 576 मतों पर संतोष करना पड़ा। कोषाध्यक्ष पद पर साक्षी रांगड को विजय घोषित किया गया है। उन्हें 1297 मत पड़े जबकि उनके प्रतिद्वंदी सागर कुमार को 485 व साक्षी भट्ट को मात्र 153 वोट ही पड़े। वहीं विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के लिए विपिन तिवारी को निर्वाचित घोषित किया गया है। उन्हें 833 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी अंकित तोपवाल को 575 व यश गर्ग को 532 मत प्राप्त हुए।
ऋषिकेश में हरिद्वार रोड पर श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी का यह ऋषिकेश कैंपस है और यहां पर आज सुबह से ही छात्रों का मतदान के लिए आने का सिलसिला जारी था। दोपहर 1:00 तक मतदान हुआ उसके बाद मतगणना शुरू हुई और शाम को अंधेरा होते-होते परिणाम आने शुरू हुए। हिमांशु जाटव नए छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए हैं । वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी अनिरुद्ध शर्मा को हार का सामना करना पड़ा है और एनएसयूआई ने रोहित नेगी को टिकट दिया था। रोहित नेगी भी नहीं जीत पाए। इस दौरान पुलिस की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था काफी पुख्ता की हुई थी ।कोयल घाटी से आगे किसी को जाने की इजाजत नहीं थी ।ट्रैफिक डायवर्ट किया हुआ था आवास विकास की तरफ और हरिद्वार की तरफ से आने वाले ट्रैफिक भरत बिहार की तरफ डायवर्ट किया हुआ था । कॉलेज के आगे की सड़क में सिर्फ छात्रों को जाने की अनुमति थी जो वोट करने जा रहे थे।

इस चुनाव ने सबसे अहम बात जो देखने में मिली है वह है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का तीसरे नंबर पर आना और इस तरह की हार होना. इस हार से भारतीय जनता पार्टी के लिए कहीं न कहीं एक संदेश जरूर है । क्योंकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी के समर्थन में शहर के बड़े-बड़े नेता भी पहुंचे थे । फिर भी तीसरे नंबर पर आना कहीं न कहीं ABVP के लिए चिंतन और मंथन करने की अब जरूरत है। दूसरी तरफ कांग्रेस को भी सोचना होगा प्रदेश में जिस तरह NSUI की हार हुई है वह कहीं ना कहीं पार्टी संगठन पर भी सवाल खड़े करता है। ऋषिकेश की बात करें तो यहां पर कांग्रेस के नेताओं ने हिमांशु जाटव का नाम अपने वरिष्ठ नेताओं को भेजा था लेकिन फिर भी हिमांशु को टिकट नहीं दिया गया।उसका खामियाजा NSUI को भुगतना पड़ेगा। ऐसे में कहीं ना कहीं सवालिए निशान जो नेता जिम्मेदार पदों पर बैठे हैं उनपर भी खड़ा होता है।सवाल उनसे भी पूछे जाने चाहिए। छात्रसंघ चुनाव धनबल या फोटो खिंचवाकर या दूसरे क्षेत्र के नेता के द्वारा प्लांट या मदद करके या नेताओं को बुलाकर नहीं जीता जा सकता है। छात्र संघ चुनाव प्रत्याशी की छवि…उसकी मेहनत…मुद्दे और उसके छात्रों के बीच कितनी पैठ है उस पर निर्भर करता है। (मनोज रौतेला, वरिष्ठ पत्रकार)