ऋषिकेश का ‘मौत का डंपिंग ज़ोन’: ट्रिपल इंजन सरकार भी बेबस

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ऋषिकेश की आबोहवा में आज ज़हर घुल गया। शहर के बीचों-बीच वर्षों से बना डंपिंग ज़ोन, जहां से हर दिन बदबू और गंदगी का ज़हर फैलता है, आज आग का दरिया बन गया। कूड़े के ढेर से उठती आग और घातक धुएं ने पूरे शहर को अपनी गिरफ्त में ले लिया, लेकिन शासन और प्रशासन आंखें मूंदे बैठे रहे।स्थानीय लोगों ने वर्षों से इस डंपिंग ज़ोन को आबादी क्षेत्र से हटाने की गुहार लगाई, धरने दिए, ज्ञापन सौंपे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नतीजा — आज पूरा ऋषिकेश दमघोंटू धुएं के आगोश में है।

दमकल विभाग के कर्मी आग बुझाने के प्रयास में लगे रहे, लेकिन तब तक जहर से भरा धुआं शहर के हर कोने में फैल चुका था। स्थानीय जनता का आक्रोश अब उबाल पर है। लोगों का कहना है कि “अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो आज यह नौबत नहीं आती। हम अपने बच्चों और बुजुर्गों को किस जहरीली हवा में जीने के लिए मजबूर करें?” बावजूद इसके, जिम्मेदार अफसरानों और नेताओं की तरफ से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। जनता पूछ रही है — क्या अब भी इंतजार करेंगे जब यह ज़हर किसी की जान ले ले ?

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