ऋषिकेश में नशे के खिलाफ आक्रोश रैली में हंगामा, पुलिस से हुई धक्का मुक्की देवभूमि को नशामुक्त बनाने की उठी आवाज़
ऋषिकेश : देवभूमि नशा मुक्ति संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से रविवार को खारा स्त्रोत क्षेत्र में शराब के ठेके और मादक पदार्थों की बिक्री के खिलाफ एक विशाल आक्रोश रैली निकाली गई। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई, जिससे कुछ समय के लिए माहौल तनावपूर्ण बन गया।सुबह से ही खारा स्त्रोत स्थित धरना स्थल पर लोगों की भारी भीड़ जुटने लगी। प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश को नशा मुक्त बनाने की मांग उठाते हुए शराब और अन्य मादक पदार्थों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। वहीं, प्रशासन ने हालात पर नियंत्रण रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया था।

पुलिस ने कई बार प्रदर्शनकारियों को रैली निकालने से रोकने की कोशिश की। लाठी-डंडों से प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेलने का भी प्रयास हुआ, लेकिन भीड़ के बढ़ते दबाव के आगे पुलिस को पीछे हटना पड़ा। बाद में, शांति बनाए रखने की शर्त पर प्रदर्शनकारियों को रैली निकालने की अनुमति दी गई।रैली खारा स्त्रोत से शुरू होकर लेनिवी तिराहा, नगर पालिका मुनि की रेती से होती हुई चौदह बीघा के आंतरिक मार्गों से गुज़री। इस दौरान सरकार विरोधी नारे भी गूंजे। अंत में रामलीला मैदान के समीप जनसभा का आयोजन किया गया।
सभा में मुनि की रेती की पालिका अध्यक्ष नीलम बिजवाण ने कहा कि “यह लड़ाई युवाओं के भविष्य की है। देवभूमि में शराब और किसी भी तरह के नशे का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।” वहीं, पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत, विकास राय, दिनेश चंद्र मास्टर, और सरदार सिंह ने मंच से प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द शराब का ठेका बंद नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
रैली में संजय सिलवासन, समिति के विधिक सलाहकार लालमंडी रतूड़ी, पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट, और कई सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। पुलिस ने सुबह ही समिति के अध्यक्ष हिमांशु विजवान, जिला पंचायत सदस्य पुष्पा रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य सीताराम रणकोटी, और संदीप भंडारी को एहतियातन हिरासत में ले लिया था। बाद में उन्हें तहसील नरेंद्र नगर ले जाकर दिनभर वहीं रखा गया। देर शाम सभी को रिहा कर दिया गया।
जनसभा के अंत में प्रदर्शनकारियों ने एकस्वर में संकल्प लिया कि जब तक देवभूमि से शराब और नशे के अड्डे पूरी तरह बंद नहीं हो जाते, आंदोलन जारी रहेगा।
