रुद्रप्रयाग के सूबेदार मेजर कुलदीप सिंह 32 वर्षों की गौरवशाली सेवा के बाद हुए सेवानिवृत्त

खबर शेयर करें -

रूद्रप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल।रुद्रप्रयाग जनपद के ग्राम सेल्ता निवासी सूबेदार मेजर (औनरेरी लेफ्टिनेंट) कुलदीप सिंह बागरी 1 सितम्बर 2025 को भारतीय सेना से गौरवपूर्ण सेवाएं पूरी कर सेवानिवृत्त हो गए। सेना जीवन के 32 वर्षों में उन्होंने देश की सीमाओं पर अद्वितीय योगदान दिया और मां भारती के प्रहरी बनकर सदैव राष्ट्र रक्षा में जुटे रहे।
बचपन का सपना बना जीवन का मार्ग
कुलदीप सिंह का जन्म ग्राम सेमलता में हुआ। बाल्यावस्था से ही उनके मन में भारतीय सेना में जाने का सपना था। दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने इस सपने को साकार किया और 20 गढ़वाल राइफल में भर्ती होकर देश सेवा की राह चुनी।
देश की सीमाओं पर निभाई अहम जिम्मेदारी
सेवा काल में उन्होंने कई दुर्गम और चुनौतीपूर्ण मोर्चों पर जिम्मेदारी निभाई। चाहे बर्फ से ढकी ऊँचाई वाले क्षेत्र हों या सीमांत इलाकों की कठिन परिस्थितियाँ,हर जगह उन्होंने साहस और अनुशासन के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।उनकी नेतृत्व क्षमता और कार्यशैली ने न केवल साथियों को प्रेरित किया बल्कि उच्चाधिकारियों ने भी समय-समय पर उनकी सराहना की।
मिली औनरेरी लेफ्टिनेंट की उपाधि
32 वर्षों की समर्पित सेवाओं को देखते हुए उन्हें औनरेरी लेफ्टिनेंट की उपाधि से सम्मानित किया गया। यह उपाधि उनके परिश्रम,कार्यकुशलता और अनुशासनप्रियता का प्रतीक है।उनके जीवन से अनेक युवा आज भी प्रेरणा ले रहे हैं।
अब समाज सेवा बनेगी प्राथमिकता
सेना से सेवानिवृत्ति के बाद अब कुलदीप सिंह का अगला लक्ष्य समाज सेवा है। उन्होंने गरीब,निर्धन और असहाय लोगों की सहायता को अपना जीवन उद्देश्य बनाने का संकल्प लिया है। उनका कहना है कि “सेना ने मुझे अनुशासन,कर्तव्यनिष्ठा और देशभक्ति सिखाई। अब इन्हीं मूल्यों को समाज के उत्थान के लिए समर्पित करना चाहता हूँ।”
गांव और क्षेत्र के लिए गौरव का क्षण
कुलदीप सिंह की सेवानिवृत्ति पर उनका गांव सेल्ता और पूरा रुद्रप्रयाग क्षेत्र गौरवान्वित महसूस कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उनका जीवन संघर्ष और सफलता का आदर्श उदाहरण है। उनकी उपलब्धियों से न केवल क्षेत्र का मान बढ़ा है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह प्रेरणादायक है।

Ad