रायवाला के ग्राम प्रधान पद से हटाए गए सागर गिरि को उच्च न्यायालय से मिली बड़ी राहत
उच्च न्यायालय नैनीताल ने खारिज की कमेटी की स्क्रूटनी रिपोर्ट
रायवाला: रायवाला के ग्राम प्रधान पद से हटाए गए सागर गिरि को उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को हुई सुनवाई में न्यायाधीश रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ ने सागर गिरि के जाति प्रणाम पत्र को निरस्त करने वाली जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी की रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया है।
जिलाधिकारी ने इस रिपोर्ट के आधार पर ही इस वर्ष तीन मई को सागर गिरि को उनके पद से हटाया था। दरअसल 2019 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने के बाद रायवाला निवासी राम बहादुर क्षेत्री ने शिकायत की थी, जिसमें सागर गिरि के ओबीसी जाति प्रमाणपत्र को अवैध बताते हुए उनके प्रधान पद पर निर्वाचन को चुनौती दी गयी थी। जिला स्तरीय स्कूटी कमेटी की पांच सितंबर 2020 की रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार ऋषिकेश ने 24 सितंबर 2020 को सागर गिरि के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था। हालांकि सागर गिरि ने इसे तब ही न्यायालय में चुनौती दे दी थी, मगर इसके करीब तीन साल बाद जिलाधिकारी सोनिका ने बीती तीन मई 2023 को पंचायत राज अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए सागर गिरि को प्रधान पद से हटा कर उपप्रधान को कार्यभार सौंप दिया। सागर गिरि ने बताया कि स्क्रूटनी कमेटी की रिपोर्ट खारिज हो जाने से साबित हो गया है कि अधिकारियों ने दबाव में झूठी रिपोर्ट बनाई और जिलाधिकारी ने गलत तरीके से उनको पद से हटाया।