ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में स्वामिनारायण गुरुकुल के संतों ने किया साधना शिविर का शुभारंभ
ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में श्री स्वामिनारायण गुरुकुल विश्वविद्यालय, अहमदाबाद द्वारा आयोजित एक सत्संग साधना शिविर में पूज्य माधवप्रिय स्वामी जी महाराज, पूज्य बाल स्वामी जी महाराज, श्री भक्तवल्सल स्वामी जी, श्री राम स्वामी जी सहित अनेक पूज्य संतों एवं सैकड़ों साधकों का आगमन हुआ। परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने सभी का पारंपरिक रूप से स्वागत और अभिनंदन किया।
परमार्थ निकेतन के दिव्य वातावरण में साधकगण पूज्य संतों के पावन सान्निध्य में दिव्य साधनाओं का अनुभव कर रहे हैं। साधक प्रातःकाल गंगा स्नान, यज्ञ, योग और सायंकाल की गंगा आरती में भाग लेकर अपने जीवन में दिव्यता एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहे हैं।
संतों ने साधना, तपस्या और योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि साधना केवल एक अनुशासनात्मक प्रक्रिया नहीं, बल्कि आत्मा की दिव्यता का परमात्मा के साथ जीवंत संवाद है। आज के तनावग्रस्त युग में युवाओं के लिए साधना का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि यह मन को अशांति से मुक्त कर आत्मिक शांति और स्थिरता प्रदान करती है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड चारों धामों की भूमि है, जो आध्यात्मिक दृष्टि से सर्वोच्च स्थान रखती है। यहाँ के तीर्थ आत्मा के आरोहण के केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा केवल बाहरी यात्रा नहीं, बल्कि एक आंतरिक आध्यात्मिक यात्रा है जो हमें हमारी अंतरात्मा से मिलने का अवसर प्रदान करती है।
पूज्य माधवप्रिय स्वामी जी महाराज ने कहा कि परमार्थ निकेतन सनातन संस्कृति, योग और साधना का पावन केंद्र है। साधना, योग, यज्ञ और सत्संग का यह संगम आधुनिक युग में प्रत्येक साधक के लिए एक अनमोल अवसर है, जो जीवन को शांति और दिव्यता की ओर अग्रसर करता है। उन्होंने सभी साधकों से इस सप्ताह के साधना शिविर का पूर्ण लाभ उठाने और इस स्वर्गीय वातावरण में व्याप्त दिव्य ऊर्जा को आत्मसात करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर दोनों संस्थाओं द्वारा स्वच्छ भारत अभियान जैसे सामाजिक कार्यों में साझेदारी की भी चर्चा की गई।
