योजना हुई नाकाम, प्राकृतिक स्रोत से पानी लाने को मजबूर ग्रामीण हर घर नल योजना का नहीं मिल रहा लाभ
यमकेश्वर ब्लॉक : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत संचालित हर घर नल योजना जमीनी स्तर पर नाकाम साबित हो रही है। ग्राम डूगा के ग्रामीणों को अब भी शुद्ध पेयजल सुविधा नहीं मिल पाई है। गांव के करीब 10 परिवार आज भी दो से तीन किलोमीटर दूर स्थित प्राकृतिक स्रोत से पानी लाने को मजबूर हैं।
पेयजल संकट की इस गंभीर समस्या को लेकर जिला पंचायत सदस्य गुमानीवाला कविता डबराल ने जन संसाधन विभाग कोटद्वार के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि ग्राम डूगा में लंबे समय से पेयजल की समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों ने कई बार विभाग से शिकायत की, लेकिन अब तक समाधान नहीं किया गया।
कविता डबराल ने बताया कि हर घर नल योजना का उद्देश्य प्रत्येक घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाना था, लेकिन इस योजना का लाभ आज तक ग्राम डूगा के वंचित परिवारों तक नहीं पहुंच सका। उन्होंने कहा कि “क्षेत्रवासी आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, जबकि सरकार गांवों में विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है।”वहीं इस मामले में जन संस्थान कोटद्वार के अभियंता अभिषेक वर्मा ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था। अब संबंधित अधिकारियों को तत्काल समस्या का सर्वे कर जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए जाएंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि गर्मियों में पानी की समस्या और भी गंभीर हो जाती है। महिलाएं रोजाना कई बार प्राकृतिक स्रोत तक जाकर पानी लाने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द समाधान की मांग करते हुए कहा कि अगर समस्या का निवारण नहीं हुआ, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
सरकार की योजनाओं के वादों और गांव की जमीनी हकीकत के बीच का यह अंतर, यमकेश्वर ब्लॉक के ग्राम डूगा की कहानी के रूप में एक बार फिर सामने आया है जहां “हर घर नल योजना” अब तक सिर्फ कागजों में ही सीमित है।
