उत्तराखंड में एसडीआरएफ ने शुरू किया युवा आपदा मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम

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जौलीग्रांट : उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने युवा आपदा मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम युवाओं को प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़, भूस्खलन और अन्य आपदाओं के दौरान त्वरित और प्रभावी कदम उठाने में सक्षम बनाने के लिए आयोजित किया गया है।

एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट में आयोजित उद्घाटन समारोह में सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले बैच का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण देना है, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में वे समुदाय की मदद कर सकें।

प्रशिक्षण में शामिल होंगे कुल 4,310 स्वयंसेवक:

एनसीसी: 850 युवा

एनएसएस: 1,700 युवा

नेहरू युवा केंद्र: 850 युवा

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स: 910 युवा

इस अवसर पर उप सेनानायक शुभांक रतूड़ी, निरीक्षक प्रमोद रावत, और सब-इंस्पेक्टर अनूप रमोला सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता और युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि इस पहल से राज्य में आपदा प्रबंधन की क्षमता और बढ़ेगी।

एसडीआरएफ और एनडीएमए-एसडीएमए की संयुक्त पहल से राज्य में आपदा प्रबंधन क्षमता होगी मजबूत

1. प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवाओं को आपदा के दौरान प्राथमिक बचाव, राहत कार्य, और आपातकालीन निर्णय लेने की तकनीक सिखाई जाएगी।

2. यह पहल केवल तकनीकी प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं में सामुदायिक जागरूकता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देगी।

3. कार्यक्रम का पहला बैच जौलीग्रांट में आयोजित हुआ है, और भविष्य में इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी फैलाया जाएगा।

4. विशेषज्ञ प्रशिक्षक और एसडीआरएफ के अधिकारी प्रशिक्षण में व्यक्तिगत मार्गदर्शन और व्यावहारिक अभ्यास प्रदान करेंगे।

भविष्य की संभावनाएं:

एसडीआरएफ अधिकारियों के अनुसार, इस कार्यक्रम के सफल होने से प्रदेश के युवा आपदा मित्र संकट की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने में सक्षम होंगे। इससे राज्य में आपदा प्रबंधन की क्षमता मजबूत होगी और आपदा के समय बचाव कार्य तेज़ और प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा।

इस पहल को राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो युवाओं को न केवल प्रशिक्षित करेगा बल्कि समाज के लिए उनकी जिम्मेदारी और योगदान को भी बढ़ाएगा।

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