संविधान दिवस पर ऋषिकेश में विचार गोष्ठी, विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने किया नागरिक कर्तव्यों पर जोर

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ऋषिकेश: संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के कैंप कार्यालय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। गोष्ठी में संविधान की मूल भावना, नागरिक कर्तव्यों और लोकतांत्रिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की गई।

विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि भारत का संविधान न केवल दुनिया के सबसे विस्तृत संविधानों में शामिल है, बल्कि इसकी मूल प्रेरणा शक्ति हमारी लोकतांत्रिक परंपरा, समानता का भाव और समावेशी विकास का व्यापक दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि संविधान ने देश के प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार तो दिए ही हैं, साथ ही राष्ट्र निर्माण में योगदान देने हेतु कुछ कर्तव्यों का पालन करना भी आवश्यक बताया है।

उन्होंने कहा, “संविधान के आदेशों का पालन करना हर नागरिक का प्रथम दायित्व है। यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी पालन करे, तो राष्ट्र को प्रगति की राह पर ले जाने से कोई नहीं रोक सकता।”विधायक ने उपस्थित युवाओं और कार्यकर्ताओं से संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों को नियमित रूप से पढ़ने और उन्हें जीवन में लागू करने की अपील की।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर सहित सभी संविधान निर्माताओं के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि संविधान केवल एक विधिक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश को एकता, अखंडता और सामाजिक न्याय के पथ पर आगे बढ़ाने वाला मार्गदर्शक ग्रंथ है।

इस अवसर पर सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी विचार रखते हुए कहा कि संविधान दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि लोकतंत्र नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से ही मजबूत होता है। उन्होंने शिक्षा, जागरूकता और कर्तव्य पालन को राष्ट्र की प्रगति की अनिवार्य आवश्यकता बताया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और स्थानीय लोग उपस्थित रहे। अंत में सभी ने एक स्वर में संकल्प लिया कि संविधान की मर्यादा और उसके आदर्शों को बनाए रखना ही प्रत्येक भारतीय का सर्वोच्च राष्ट्रीय दायित्व है।

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