रातभर भिगोकर खाएं अखरोट, इन 4 समस्याओं में मिलेगा फ़ायदा

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दिमाग़ जैसी आकृति वाला ड्राई फ्रूट अखरोट सेहत के लिए विशेष रूप से फ़ायदेमंद होता है, खासकर दिमाग़ी स्वास्थ्य के लिए। रातभर पानी में भिगोकर खाने से इसके पोषक तत्व आसानी से पचते हैं और शरीर को अधिक लाभ मिलता है। यह जानना ज़रूरी है कि किन 4 तरह के लोगों को भीगे अखरोट ज़रूर खाने चाहिए।

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किन्हें खाने चाहिए भीगे हुए अखरोट?

दिमागी काम करने वाले लोग

अखरोट को “ब्रेन फूड” कहा जाता है, क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन-ई और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। ये सभी तत्व दिमाग की काम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं और याददाश्त को मजबूत करते हैं। इसलिए अखरोट खाना दिमागी काम करने वाले लोगों, जैसे- स्टूडेंट्स और वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे दिमाग तेज होता है।

दिल की बीमारियों का रिस्क

दिल की बीमारियों से पीड़ित या जिन लोगों में इन बीमारियों का रिस्क ज्यादा होता है, उनके लिए अखरोट खाना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। अखरोट में मैग्नीशियम और पोटेशियम होते हैं, जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करता है।

कमजोर हड्डियों वाले लोग

अखरोट में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने

में मदद करते हैं। इसलिए जिन लोगों की हड्डियां कमजोर होती हैं, उन्हें अखोरट खाना चाहिए। इसे खाने से हड्डियों की डेंसिटी बढ़ती है और ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क कम होता है।

पाचन समस्याओं से जूझ रहे लोग

अखरोट में टैनिन होता है, जिसके कारण पोषक तत्व अब्जॉर्ब नहीं होते। इसके कारण पाचन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए अखरोट को भिगोकर खाना कमजोर पाचन वाले लोगों के लिए फायदेमंद होता है। अखरोट में फाइबर भी होता है, जो  पाचन के लिए फायदेमंद होता है।

कैसे खाएं भीगे हुए अखरोट?

  • रात को 4-5 अखरोट को 1 कप पानी में भिगोकर रख दें।
  • सुबह छिलका उतारकर (या छिलके सहित) खाएं।
  • इसके साथ आप चाहें, तो दूध भी पी सकते हैं।

Disclaimer: यह जानकारी सामान्य शैक्षिक उद्देश्यों के लिए साझा की गई है और चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। अखरोट या किसी भी आहार परिवर्तन को अपनाने से पहले, अपने चिकित्सक या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श करें। व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों, एलर्जी या दवाओं के साथ संभावित प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखना आवश्यक है। लेख में दिए गए सुझावों को अपनाने का निर्णय पाठक का अपना विवेक होगा।

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